दीवान टोडर मल की हवेली देखने पहुंचे राजीव जैन, साहिबजादों के शहीदी दिवस पर याद किए जाएंगे टोडर मल

Edited By Manisha rana, Updated: 16 Nov, 2022 11:39 AM

rajeev jain reached to see the mansion of dewan todar mal

सिख इतिहास में दानवीरता एवं त्याग के लिए अमर हुए दीवान टोडर मल जैन की याद में आगामी 26 दिसम्बर को पूरे प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे...

चंडीगढ़ (धरणी) : सिख इतिहास में दानवीरता एवं त्याग के लिए अमर हुए दीवान टोडर मल जैन की याद में आगामी 26 दिसम्बर को पूरे प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे। यही वह दिन है जिस दिन गुरू गोविंद सिंह के दोनों साहबजादों का शहीदी दिवस मनाया जाता है।

पंजाब के फ़हतेगढ़ साहिब में मंगलवार को दीवान टोडर मल की हवेली का दौरा कर उनकी मिट्टी को नमन करने पहुंचे। हरियाणा प्रदेश वैश्य महासम्मेलन के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने उक्त घोषणा की। उन्होंने सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा 17वीं शताब्दी की जीर्ण शीर्ण हो चुकी हवेली का जीर्णोद्धार शुरू करने की भी सराहना की। सिख समाज के लोगों ने राजीव जैन का स्वागत करते हुए दीवान टोडर मल जैन को सम्मान देने के लिए धन्यवाद किया। राजीव जैन ने फ़हतेगढ़ साहिब गुरूद्वारा में माथा टेककर दोनो साहिबज़ादो को श्रधांजलि अर्पित की।

गौरतलब है कि अकबर के नवरत्नों में से एक और नवाब वजीर खां के दीवान पद पर रहते हुए टोडर मल जैन ने सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह जी के दो पुत्रों जोरावर एवं फते सिंह के संस्कार के लिए चार गज जमीन 78000 स्वर्ण मुद्राएं जमीन पर बिछाकर खरीदी थी। नवाब वजीर खां ने वीर बलिदानियों के संस्कार के लिए जमीन देने से मना कर दिया और शर्त रखी कि जितनी स्वर्ण मुद्राएं जमीन पर बिछा दी जाएगी, उतनी जमीन संस्कार के लिए मिलेगी। मुगलों के डर से कोई आगे नहीं आया तो बेखौफ एवं मानवता की मिसाल पेश करते हुए दीवान टोडर मल ने स्वर्ण मुद्रायें बिछा दी। नवाब खां ने असहिष्णुता की पराकाष्ठा पार करते हुए स्वर्ण मुद्रायें बिछाने की बजाये खड़ी करने की शर्त रखी तो दीवान टोडर मल ने सबकुछ बेचकर संस्कार करवाया था।

राजीव जैन ने बताया कि दीवान टोडर मल इसके बाद सरहिंद छोड़कर गुमनामी के अंधेरे में चले गे और जब दीवान टोडर मल जैन से गोबिंद सिंह कृतज्ञता प्रकट करने गए और बदले में कुछ मांगने को कहा तो उन्होंने यही मांगा कि मेरा वंश यहीं खत्म हो जाए। वजह यह है कि आने वाली पीढ़ियां इस बात का घमण्ड ना करें कि यह महंगी जमीन हमारे पुरखों ने खरीदी थी। इस अवसर पर प्रधान गुरमीत सिंह, नजर सिंह, प्रेम सिंह, श्रधा सिंह, नंबरदार कमलजीत सिंह भोलिया, नरेंद्र सिंह, सरहिंद राजवंत सिंह, हरप्रीत सिंह, कुलदीप सिंह, दलीप सिंह, पवन सिंह वारा, अनूप सिंह आदि उपस्थित रहे !

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