कोरोना के बहाने किसानों पर मुकदमे दर्ज करना अन्यायपूर्ण: राजन राव

Edited By Shivam, Updated: 28 Nov, 2020 07:01 PM

rajan rao said filing cases against farmers on pretext of corona is unjust

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने कहा कि काले कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन करने निकले किसानों के खिलाफ कोरोना के बहाने मुकदमे दर्ज करना अन्यायपूर्ण है। प्रदेश...

गुरुग्राम (गौरव): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने कहा कि काले कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन करने निकले किसानों के खिलाफ कोरोना के बहाने मुकदमे दर्ज करना अन्यायपूर्ण है। प्रदेश की गठबंधन (बीजेपी-जेजेपी) सरकार ने पहले किसानों के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया, जगह-जगह किसानों पर अत्याचार किए गए। अब उनके खिलाफ गुहला (चीका) और महम थाने सहित प्रदेश के अनेक स्थानों पर बेवजह मुकदमे दर्ज कर उन्हें अपराधी बनाया जा रहा है, जबकि किसानों का अपराध केवल अपने हक के लिए आवाज बुलंद करना है।

राजन राव ने कहा कि प्रदेश में तीन दिन के दौरान जो अराजकता फैली, डर और भय का जो माहौल बना, उसके लिए केवल और केवल प्रदेश की मनोहर लाल सरकार जिम्मेदार है। सही मायने में सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान और प्रदेश में डर और भय के माहौल व अराजकता के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। किसान तो शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाना चाह रहे थे। उन्हें रोकने के लिए सरकार ने बर्बरतापूर्ण हथकंडे अपनाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध किसके कहने पर किया गया।

राव ने कहा देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि आंदोलनकारियों की बजाय सरकार ने खुद अराजकता फैलाई। आंदोलनकारियों शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहना चाहते हैं पर सरकार ने खुद प्रदेश को नुकासन की आग में झोंकने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा भी पहली बार ही हुआ है कि सरकार ने बगैर उस वर्ग की सहमति के कोई कानून बनाया हो, जिससे उस वर्ग के सीधे सीधे हक जुड़े हैं। अगर इन काले कानूनों से किसानों को कोई नुकसान नहीं था तो सरकार ने कानून बनाने से पहले किसानों से सीधा संवाद क्यों नहीं किया? क्यों किसी भी किसान संगठन से बात करना मुनासिब नहीं समझा? बहुमत का दुरुपयोग करते हुए सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। किसानों को समझाने में क्यों सरकारी तंत्र फेल हुआ? 

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमे तत्काल रद्द करे। भोले भाले किसानों के खिलाफ जो सरकारी आतंक का वीभत्स रूप देखने को मिला वह सरकार की मंशा को साफ साफ इंगित करता है। उन्होंने कहा केवल किसानों के खिलाफ ही नहीं, कई विभागों के कर्मचारियों को सरकार ने कोरोना के बहाने निशाने पर लिया है, उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। कोरोना संकट में दिन रात लोगों की सेवा में तत्पर रहने वाले बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार तुरंत प्रभाव से सभी मुकदमे रद्द करे और कानून यह तय करे की प्रदेश में अराजकता के लिए असली जिम्मेदार सीएम, डिप्टी सीएम और गृह मंत्री के खिलाफ क्या कार्यवाही अमल में लाई जाएगी?

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