हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता 6 अंक लुढ़क कर 10वें स्थान पर पहुंची

Edited By Isha, Updated: 15 Mar, 2020 11:13 AM

quality of education in haryana s government schools dropped

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हरियाणा के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता छह प्वाइंट्स लुढ़क कर 10वें स्थान पर पहुंच गई....

चंडीगढ़ : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हरियाणा के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता छह प्वाइंट्स लुढ़क कर 10वें स्थान पर पहुंच गई है। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के बाद मंत्रालय द्वारा गत माह जारी परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इन्डैक्स (पी.जी.आई.) की दूसरी रिपोर्ट में उपरोक्त जानकारी दी गई है।

शैक्षणिक सत्र 2017-18 में मंत्रालय द्वारा 2019 में जारी पहली रिपोर्ट में चौथे स्थान पर रखा था, जबकि ताजा रिपोर्ट में 10वें स्थान पर पहुंच गया है।रिपोर्ट अनुसार 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस क्षेत्र में सुधार किया। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड और महाराष्ट्र के स्कोर में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई, जबकि हरियाणा के स्कोर में गिरावट आई। पिछले वर्ष राज्य का स्कोर 1,000 में से 787 प्वाइंट्स था। इस साल जब तमाम राज्यों ने तरक्की की तो हरियाणा का स्कोर घट कर 783 पर आ गया। सबसे ज्यादा गिरावट ‘लर्निंग आउटकम्स’ शीर्षक के तहत दिखाई दी जिसके तहत भाषा और गणित के औसत स्कोर का मूल्यांकन किया जाता है।

इसके तहत प्रदेश 180 में से 134 स्कोर के साथ पिछले साल की तरह ही 20वें स्थान पर रहा जिसका अर्थ ये हुआ कि पिछले साल की तुलना में नौ राज्यों ने क्षेत्र में सुधार किया और आगे निकल गए जबकि हरियाणा वहीं का वहीं रहा। शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि काफी अर्से से तमाम सरकारी स्कूलों में गणित के अध्यापक ही नहीं हैं। जहां तक भाषा का सवाल है, छात्र खासतौर पर अंग्रेजी का एक वाक्य भी सही नहीं लिख सकते। कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल की 2017-18 की रिपोर्ट में भी बताया गया है, ‘साइंस विषयों, मसलन, गणित, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जीव-विज्ञान तथा कम्प्यूटर साइंस के विषयों में शिक्षकों के 11,333 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 5,698 ही भरे हुए हैं जबकि 50 फीसदी यानी 5,635 पद खाली हैं।’

‘इक्विटी’ शीर्ष के तहत प्रदेश का स्थान 19वां रहा। इसके अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों का प्रदर्शन देखा जाता और साथ ही अन्य वर्गों के छात्र व छात्राओं के प्रदर्शन के बीच फर्क का अध्ययन किया जाता है। ‘इंफ्रास्ट्रक्चर’ का ही एक मात्र शीर्ष है जिसके बारे में कहा जा सकता है कि हरियाणा का प्रदर्शन अच्छा रहा है। वर्ष 2017-18 में राज्य का स्कोर 150 में से 116 था वहीं 2018-19 में ये बढ़कर 125 हो गया।

अन्य राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की स्थिति का जहां तक सवाल है चंडीगढ़ का प्रदर्शन लगातार दूसरे वर्ष भी सबसे अच्छा रहा। 1000 प्वाइंट्स में से स्कोर सर्वाधिक 896 रहा। चंडीगढ़ (पहला स्थान) और हरियाणा (10वां) के बीच इस वर्ष अन्य राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की स्थिति इस प्रकार रही- गुजरात (870), केरल (862), दिल्ली (829), महाराष्ट्र (802), हिमाचल प्रदेश (799), तमिलनाडु (791), पुड्डूचेरी (786), दादर-नगर हवेली और दमन एंड दियु (784)।

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