जन सेवा ही मेरा मूल मंत्र, लोगों की सेवा के लिए शुरू की राजनीति : अरविंद शर्मा

Edited By Manisha rana, Updated: 12 Oct, 2020 10:27 AM

public service is my basic mantra politics to serve the people arvind sharma

बेरी के एक गांव में साधारण परिवार में जन्मे डॉ. अरविंद शर्मा ने जनसेवा को ही अपना मूल मंत्र माना है और राजनीति को लोगों की सेवा का माध्यम बनाया। रोहतक मेडिकल...

चंडीगढ़ : बेरी के एक गांव में साधारण परिवार में जन्मे डॉ. अरविंद शर्मा ने जनसेवा को ही अपना मूल मंत्र माना है और राजनीति को लोगों की सेवा का माध्यम बनाया। रोहतक मेडिकल कॉलेज से अपनी पढ़ाई की शुरूआत की और एक डाक्टर होने के नाते लोगों की सेवा में जुटे। अपने दादा से जनसेवा की प्ररेणा लेकर राजनीति शुरू की और आज पूरे प्रदेश में निर्दलीय सांसद बनने का गौरव प्राप्त है। सांसद डॉ. अरविंद शर्मा आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है, सहनशीलता व मिलनसार सहभाव के चलते हर किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले आज रोहतक लोकसभा से सांसद है। 

डॉ. अरविंद शर्मा कहते है कि जनसेवा ही उनका मूलमंत्र है और दूसरे के चेहरे पर मुस्कान से सेवा करने की भावना जागृत होती है। रोहतक, सोनीपत व करनाल से बतौर सांसद चुने गए डॉ. अरविंद शर्मा का रूतबा इतना है कि हर किसी की जुवान पर रहता है और प्रत्येक व्यक्ति के दुख सुख में वे हमेशा खडे रहते है। साधारण व्यक्तित्व वाले डॉ. अरविंद शर्मा समाज सेवा को अपना कर्म मान चुके है।

डॉक्टर मानते है कि जिंदगी के हर मोड पर उनकी जीवन संगनी डॉ. रीटा शर्मा ने हमेशा साथ दिया, चाहे राजनीतिक क्षेत्र की बात हो या फिर समाज सेवा की। बड़े ही सादगी के साथ अपना जन्मदिवस मनाते है और उनका यही प्रयास रहता है कि प्रत्येक व्यक्ति को उसका अधिकार मिले और हमेशा उसके चेहरे पर मुस्कान रहे। रही बात राजनीति की, डा. अरविंद शर्मा ने सबसे पहले निर्दलीय सांसद सोनीपत से बतौर सांसद का चुनाव लड़ा था और सोनीपत की जनता ने आभार समर्थन देकर उन्हें संसद में भेजा था, इसके बाद तो उनके राजनीति का सफर शुरु हुआ और उन्होंने राजनीति को ही लोगों की सेवा का माध्यम बना लिया। इसके बाद करनाल से सांसद रहते हुए लोगों की सेवा की और सांसद निधि से विकास के मामले में भी डा. अरविंद शर्मा की अलग ही पहचान है।

राजनीति के उतार चढाव के कई दौर देखे, लेकिन डॉ. अरविंद शर्मा ने कभी पीछे मुड कर नहीं देखा। यहां तक कि उन्होंने जाट लैंड में कमल का फूल खिलाकर एक इतिहास रचा है। रोहतक सीट पर हुड्डा गढ़ को तोडऩा मुमकीन नहीं था, लेकिन डॉ. अरविंद शर्मा ने यह कर दिखाया। आज वे 36 बिरादरी के नेता माने जाते है और मजबूत भाईचारे की मिशाल पेश की है। सबसे बडी बात तो यह है कि इतने मिलनसार है कि जो एक बार उनसे मुलाकात करता है, हमेशा उनके मन में फिर से मिलने की चाहत पैदा होती है, इसके पिछे डा. अरविंद शर्मा का सरल सहभाव है।

राजनीति को लोगों की सेवा का माध्यम बनाकर उन्होंने एक मिशाल पेश की है। चाहे सोनीपत क्षेत्र की बात हो या करनाल क्षेत्र की या फिर रोहतक क्षेत्र की। डॉ. अरविंद शर्मा का यही प्रयास रहता है कि क्षेत्र की जनता को किसी प्रकार की परेशानी न हो और विकास के मामले में प्रदेश हमेशा आगे रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आदर्श मानते हुए वे जनसेवा में कार्यरत है। जिस तरह से मोदी ने राष्ट्रवाद को मजबूत किया है, उसी तरह उनका लक्ष्य भी यहीं है।

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