गरीब की बेटी ने तोड़ा स्कूल संचालक का 'घमंड', कोर्ट के जरिए हासिल किया अपना हक !

Edited By Isha, Updated: 22 Feb, 2020 11:18 AM

एक प्राइवेट स्कूल संचालक को उस समय भारी झटका लगा, जब स्थानीय अदालत ने रोके हुए रोल नंबर को छात्रा को तुरंत देने के आदेश दिए। स्कूल ने विभिन्न मदों के शुल्क अदा न करने पर छात्रा का रोल नंबर

रेवाड़ी (मेहेंन्द्र)- एक प्राइवेट स्कूल संचालक को उस समय भारी झटका लगा, जब स्थानीय अदालत ने रोके हुए रोल नंबर को छात्रा को तुरंत देने के आदेश दिए। स्कूल ने विभिन्न मदों के शुल्क अदा न करने पर छात्रा का रोल नंबर के साथ-साथ चार माह से प्रवेश भी रोक रखा था। आखिर में एक समाजसेवी वकील की मदद से छात्रा को अदालत से राहत मिली है।

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नई बस्ती निवासी छात्रा प्राची नगर के एक निजी स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ती है। उसके पिता विनोद कुमार ने आरोप लगाया था कि विभिन्न मदों में शुल्क अदा न करने पर स्कूल ने उसकी बेटी का रोल नंबर रोक रखा है और उसे चार माह से स्कूल में नहीं घुसने दिया जा रहा है। बोर्ड की परीक्षा 26 फरवरी से शुरू है।  ऐसे में उसका एक साल खराब होने का खतरा मंडरा रहा था। ऐसे हालातों में समाजसेवी व बार एसोसिएशन के सदस्य कैलाशचंद उनकी मदद में आगे आए।

उन्होंने कहा कि छात्रा व अभिभावक ने न्याय प्राप्ति के लिए पहले अधिकारियों के पास गुहार लगाई थी। लेकिन उसकी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो परीक्षा सिर पर होने के कारण अदालत का सहारा लेना पड़ा। लेकिन निचली अदालत से जब राहत नहीं मिला तो उन्होंने बृहस्पतिवार को जिला अदालत के दरवाजे खटखटाये और जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार मित्तल की अदालत ने आज ही केस की सुनवाई करते हुए छात्रा को रोल नंबर देने के आदेश स्कूल को दे दिए। रोल नंबर प्राप्त करने के बाद छात्रा बेहद खुश दिखाई दी। उसने कहा कि वह अब अपनी परीक्षाओं की निश्चिंत होकर तैयारी कर सकेगी। 

 

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