Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 08 Mar, 2025 02:41 PM

अगर आपकी भी तबीयत खराब होती है और आप निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने जाते हो तो सावधान हो जाओ। ऐसा न हो कि इलाज के नाम पर अस्पताल का स्टाफ और डॉक्टर मरीज को बैड से इस कदर बांध दें कि उसके पूरे शरीर में सूजन आ जाए।
गुड़गांव,(ब्यूरो): अगर आपकी भी तबीयत खराब होती है और आप निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने जाते हो तो सावधान हो जाओ। ऐसा न हो कि इलाज के नाम पर अस्पताल का स्टाफ और डॉक्टर मरीज को बैड से इस कदर बांध दें कि उसके पूरे शरीर में सूजन आ जाए। इतना ही नहीं बल्कि हालात इस तरह के हो जाएं कि मरीज को वेंटीलेटर पर ही लेना पड़ जाए। ऐसा ही एक मामला रेलवे रोड स्थित आर्यन अस्ताल में सामने आया है। यहां बुजुर्ग महिला को बैड से पूरी रात बांधा गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने इस दौरान उन्हें अपनी बुजुर्ग मां से मिलने तक नहीं दिया। सुबह जब उनके चेहरे और हाथ पर सूजन देखी गई तो इस बारे में पूछताछ करने के दौरान यह खुलासा हुआ। परिजनों ने अस्पताल में बवाल कर यहां लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला तो पूरे मामले का खुलासा हो गया।
गुरुग्राम की ताजा खबरों के लिए लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर टच करें।
संजय वर्मा की मानें तो उनकी 85 साल की मां की पल्स रेट डाउन होने के कारण वह निजी क्लीनिक में ले गए थे। यहां डॉक्टर ने जांच के उपरांत हालत खराब देखते हुए उन्होंने अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी जिसके बाद वह अपनी मां को रेलवे रोड स्थित आर्यन अस्पताल ले गए। आरोप है कि यहां कार्डियो डॉक्टर न होने के बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन ने उनकी मां को हार्ट के इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती कर लिया। यहां रात को हालत में कुछ सुधार होने के बाद वह अपनी मां से बात करके वह वापस घर गए थे, लेकिन सुबह जब वापस आए तो उनकी मां की हालत खराब थी। पूछताछ के बाद उन्हें पूरे घटनाक्रम का पता लगा जिसके बाद उन्होंने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई।
वहीं, मामला बढ़ता देख अस्पताल के आईसीयू इंचार्ज डॉ पंकज ने भी अपना पक्ष रखा है आया और अपनी सफाई देते हुए उन्होंने मरीज को बैड के साथ बांधना जायज बताया। अस्पताल के डॉक्टर की मानें तो मरीज की तबीयत खराब हो रही थी और वह अपने आप को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही थी। वहीं, दूसरी तरफ डॉक्टर की मानें तो 12 बजे वह आईसीयू छोड़कर अपने कमरे में चले गए थे जबकि यह घटना रात करीब पौने एक बजे हुई।
फिलहाल मामले में परिजनों ने पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। परिजनों की मानें तो अस्पताल के स्टाफ ने अपनी नींद में खलल न पड़े इसके लिए मरीज को बांधा था। जो डॉक्टर अपनी मां की तबीयत ज्यादा खराब होने की बात कहकर बांधना बता रहे हैं वह डॉक्टर जब मौके पर नहीं थे तो उन्हें किस तरह से पता कि उनकी मां की तबीयत खराब होने पर उन्हें बांधा गया है। अगर तबीयत खराब हो गई थी तो वह इस घटनाक्रम के बाद डॉक्टर मौके पर क्यों नहीं आए। इस तरह के कई सवालों ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली को सवालों के घेरे में डाल दिया है। फिलहाल पुलिस शिकायत के आधार पर मामले की जांच कर रह है। जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।