किसानों को हर माह 5 हजार पेंशन देने की तैयारी, सभी डीसी से 10 दिन में मांगा ब्यौरा

Edited By Deepak Paul, Updated: 10 Jan, 2019 06:20 PM

preparation for giving 5 thousand pensions every month to farmers

प्रदेश में किसानों को कर्ज माफी देने की बजाए कर्ज मुक्ति पर काम और तेज हो गया है। किसान पेंशन ड्राफ्ट कमेटी की दूसरी बैठक में बुधवार को चंडीगढ़ में गहन मंथन किया गया...

पानीपत (ब्यूरो): प्रदेश में किसानों को कर्ज माफी देने की बजाए कर्ज मुक्ति पर काम और तेज हो गया है। किसान पेंशन ड्राफ्ट कमेटी की दूसरी बैठक में बुधवार को चंडीगढ़ में गहन मंथन किया गया। बैठक की अध्यक्षता भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने की। कमेटी ने सभी डीसी को जल्द से जल्द किसानों का पूरा डाटा देने को कहा है। इसका मकसद यही है कि किसानों को पेंशन के रूप में आर्थिक सहायता दी जा सके। सरकार किसानों को प्रति माह पांच हजार रुपए पेंशन देने की तैयारी कर रही है।

किसान पेंशन ड्राफ्ट कमेटी शीघ्र ही सर्वसम्मति से किसानों की भलाई के लिए फैसला लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सभी डीसी को निर्देश दिए जाएंगे कि वे अपने जिले के किसानों का वर्तमान डाटा और शेष विरासत इंतकाल को भी जल्द करवाकर पूरा डाटा 10 दिनों के अंदर भिजवाएं। इसके बाद कमेटी प्राप्त आंकड़ों पर आगामी कार्यवाही करेगी। किसान पेंशन ड्राफ्ट कमेटी की अध्यक्षता टोहाना विधायक एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने की। इस मौके पर कमेटी के सदस्य विधायक अभय सिंह यादव, विधायक महिपाल ढांडा, विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, विधायक पवन सैनी और कृषि विभाग के महानिदेशक अजीत बालाजी जोशी भी उपस्थित थे।

किसान संगठनों की मांग :

भाकियू के अध्यक्ष रत्तन मान का कहना है कि किसान विरोधी नीतियों की वजह से कर्ज बढ़ा है। किसान को भी 60 की उम्र में रिटायरमेंट के नाम पर पांच लाख और हर माह पेंशन दी जाए। किसान संगठनों का कहना है कि किसान पेंशन ड्राफ्ट कमेटी में दो किसानों को भी शामिल किया जाए। इससे किसानों के हित में और बेहतर योजना बनाई जा सकती है।

ये हो सकता है पेंशन का आधार :

सरकार की ओर से किसानों को दी जाने वाली पेंशन 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद दी जा सकती है। यदि कोई किसान पहले से बुढ़ापा पेंशन ले रहा है तो उसके 2 हजार रुपए में 3 हजार रुपए की अतिरिक्त राशि जोड़कर कुल 5 हजार रुपए प्रति माह दिए जा सकते हैं।

आयकर देने वालों को नहीं होगा लाभ :

कमेटी की बैठक में यह विचार भी किया गया कि आयकर देने वाले किसानों को पेंशन के दायरे में नहीं रखा जाएगा। प्रदेश में करीब 16.5 लाख किसान हैं। कमेटी यह जानना चाहती है कि कितने किसान आयकर देते हैं। सामान्य या मीडियम किसानों की संख्या कितनी है। यह डाटा कमेटी ने मांगा है, डाटा मिलने के बाद अंतिम फैसला होगा।

20 तक तीसरी बैठक की संभावना :

अभी जींद विधानसभा का उपचुनाव है। ऐसे में सरकार फरवरी के पहले सप्ताह में पेंशन को लेकर बड़ा निर्णय ले सकती है। किसानों की पेंशन को लेकर दिसंबर से मंथन चल रहा है। इस सिलसिले में दो बैठकें हो चुकी हैं। 20 जनवरी तक तीसरी बैठक भी हो सकती है। हालांकि अभी तारीख तय नहीं की गई है।

आर्थिक व्यवस्था का होगा संचालन :

किसान अप्रैल-मई में रबी व अक्टूबर-नवंबर में खरीफ की बड़ी फसल मंडियों में बेचने आते हैं। हर माह यदि किसानों को राशि मिलती रहेगी, तो इससे बाजार में आर्थिक रूप से संचालन होता रहेगा।

7700 करोड़ बकाया :

प्रदेश के सहकारी बैंकों का किसानों की ओर करीब 7700 करोड़ बकाया है। सरकार चाहती है कि किसानों पर बोझ कम हो। चूंकि पांच राज्यों में कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी की न केवल घोषणा की, बल्कि पहली कलम से माफ करने का फैसला भी लिया है।

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