Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 10 Jul, 2025 08:32 PM

वीरवार सुबह अचानक लोगों के घरों के पंखे, कुर्सिया व झूमर आदि बिना कारण हिलने लगे। महज कुछ सेकेण्ड का यह हादसा कुछ और नही बल्की भूकंप था जिसका केन्द्र झज्जर बताया गया।
गुड़गांव, (ब्यूरो): वीरवार सुबह अचानक लोगों के घरों के पंखे, कुर्सिया व झूमर आदि बिना कारण हिलने लगे। महज कुछ सेकेण्ड का यह हादसा कुछ और नही बल्की भूकंप था जिसका केन्द्र झज्जर बताया गया। भूकंप महसूस होते ही हजारों लोग घरों से बाहर निकल आए। बता दें कि बीते पांच माह के दौरान यह दूसरी बार है गुडगांव में धरती कांप उठी। हालांकि कही से भी किसी तरह अप्रिय घटना की पुष्टी नही हुई है।
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सेक्टर- 3,5 व 6 के आरडब्लूए अध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ ने बताया जब वे सुबह की चाय पी रहे थे। इसी दौरान अचानक उनकी कुर्सिया, पंखे व घर में रखे सामान अचानक हिलने लगे। उन्होने बताया इस दौरान कालोनी के सैकडों लोग घरों से बाहर निकल आए। जबकि घर के ही बाकि सदस्य सोते रहे। वही तिघरा निवासी रवि लोहिया ने बताया शो पीस के लिए लटकाई गई घंटियां बिना छूए हिलने व बचने लगी। जिसके बाद घर अन्य चीजों में कंपन देखा गया। लोहिया ने बताया ग्राउंड फ्लोर पर होने के कारण वे तुरंत घर से बाहर निकले लेकिन तब तक यह समाप्त हो गया था। वही भूकंप के कारण दिल्ली मेट्रो की सेवाएं रोक दी गई थी। सेक्टर-12 निवासी महिला अनिता ने बताया टेबल पर रखा पानी का भरा गिलास अचानक हिलने लगा। तब तक कालोनी के सैकडों लोग घरों के बाहर आ गए। हालांकि इस दौरान कही से किसी दुर्घटना की खबर नही आई।
डिजास्टर मैनेजमेंट हरियाणा के पूर्व प्रमुख डा. अभय श्रीवास्तव ने कहा कि यहां की हाईराइज इमारतें शहर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा हैं। पांच माह में दूसरी बार इस घटना से तत्काल सीख लेने की जरूरत है। इसके बाद भी अगर गंभीरता नही दिखाई गई तो शहर में नुकसान के साथ भारी जनहानि संभव है।
पांच माह में दूसरी हिला गुडगांव
ज्ञात हो कि इससे पूर्व 30 मार्च को घरों के सामान व अन्य चीजें हिलने लगी। हालांकि यह दोपहर वक्त था। जिसका केन्द्र उस समय थाईलैंड व म्यांमार बताया गया था। जिससे भारी जान माल का नुकसान हुआ था। उस समय उसकी तीब्रता 7.7 आंकी गई थी।
संवेदनशील क्षेत्र है गुडगांव
केवल गुडगांव ही नही बल्कि पूरा एनसीआर भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्रों गिना जाता है। जो सिस्मिक ज़ोन-4 में आता है। जिसे उच्च भूकंपीय गतिविधि वाले क्षेत्रों में गिना जाता है। अधिकारियों की मानें एनसीआर व गुडगांव में 4 से 5 फाल्ट लाइनें है। जो भूकंप का इपीसेंटर बनने के लिए जिम्मेदार होगी।