Edited By Deepak Kumar, Updated: 03 Jan, 2025 07:03 PM
नारनौल में मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर करोड़ों की प्रापर्टी में हेराफेरी का मामला सामने आया है। इस बारे में कवि सुरेंद्र शर्मा ने डीसी, एसपी और पुलिस महानिरीक्षक को शिकायत दी है।
महेन्द्रगढ़ (प्रदीप बालरोडिया): हरियाणा के नारनौल में मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर करोड़ों की प्रापर्टी में हेराफेरी का मामला सामने आया है। इस बारे में कवि सुरेंद्र शर्मा ने डीसी, एसपी और पुलिस महानिरीक्षक को शिकायत दी है। उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इसी मामले को लेकर सुरेंद्र शर्मा ने आज पुलिस में अपने बयान दर्ज करवाए हैं।
नांगल चौधरी और सरेली में पुश्तैनी जमीन
हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा नांगल चौधरी के रहने वाले हैं। उनके परिवार की नांगल चौधरी और सरेली में काफी भूमि है। हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के पिता पिछले 60 से 70 साल पहले दिल्ली में रहने लगे थे। कवि सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके पिता ने गांव में धर्मशाला बनवाई थी। इसके बाद उन्होंने धर्मशाला की ऊपरी मंजिल का निर्माण करवाया था। पिता बालकिशन शर्मा की इच्छा थी, कि धर्मशाला का इस्तेमाल हर बिरादरी के लोग करें। इस धर्मशाला का इस्तेमाल वर्तमान में आरोपी पुष्करमल व उनके परिवार द्वारा स्कूल के रूप में किया जा रहा है। जब उन्हें पता चला तो बात बढ़ाने की बजाय कवि सुरेंद्र शर्मा ने स्कूल में कम से कम 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने और स्कूल का नाम उनके पिता के बाबा रामस्वरूप नाम से करने की बात कही थी। आरोपियों ने उनकी बात नहीं मानी।
फर्जी वकालताना के इस्तेमाल की जांच की मांग
हास्य कवि ने बताया कि हाल ही में दिपावली के पास भतीजी लता शर्मा के द्वारा पता चला कि उनके फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर एक वकालतनामा लगाया गया। इस वकालतनामा का इस्तेमाल कहां-कहां हुआ है, यह जांच करवाने के लिए पुलिस को शिकायत दी गई है। कवि सुरेंद्र शर्मा और उनकी भतीजी लता शर्मा ने एडवोकेट हेमंत शर्मा से निरीक्षण करवाने के बाद पुलिस को शिकायत दी है। उन्होंने बताया कि यह भी पता चला कि परिवार की प्रॉपर्टी की बंटवारा (तकसीम) के मामले में सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी नांगल चौधरी ने 5 अगस्त 2010 को एप्लीकेशन लगाई गई थी। 30 नवंबर 2010 को फैसला कर दिया गया।
बुआ और बच्चों के भी मिले फर्जी हस्ताक्षर
हैरानी की बात तो यह है कि तकसीम से संबंधित दावा डालने से पहले ही 2009 में सुरेंद्र शर्मा को समन जारी करना दर्शा दिया गया। इस मामले में सुरेंद्र शर्मा को 16 नवंबर 2009 व 18 नवंबर 2009 को समन तामिल दर्शाए गए हैं। स्वीकृत तकसीम के लिए इन दोनों समनों पर सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर किए हुए हैं। हास्य कवि ने बताया कि आरोपियों ने उनकी बुआ पाना और बिमला के बच्चों के भी हस्ताक्षर फर्जी करवाए हुए हैं।
मामले की जा रही जांच
इसके साथ ही सरेली की जमीन के रिकार्ड में फेरबदल कर आरोपियों ने पौने चार लाख रुपए का ऋण भी ले लिया। इस मामले की शिकायत कवि ने उपायुक्त, एसपी और आईजी को की है। उन्होंने बताया कि उपायुक्त ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। यह कमेटी जांच करेगी कि किस अधिकारी के स्तर पर गड़बड़ी की गई है।
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