Edited By Manisha rana, Updated: 03 Nov, 2020 10:29 AM
सोहना कस्बे में इन दिनों आवारा पशुओं की भरमार देखने को मिल रही है। ऐसे आवारा पशुओं के कारण किसानों व सरकार का नुकसान तो होता ही है, साथ में कस्बे में गंदगी भी फैलती ही है। वहीं दूसरी और दूर्घटना होने की संभावना बनी रहती...
सोहना : सोहना कस्बे में इन दिनों आवारा पशुओं की भरमार देखने को मिल रही है। ऐसे आवारा पशुओं के कारण किसानों व सरकार का नुकसान तो होता ही है, साथ में कस्बे में गंदगी भी फैलती ही है। वहीं दूसरी और दूर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। फिर भी नगरपरिषद विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। जोकि इन आवारा घुमने वाले आवारा पशुओं से निजात दिलाने में असहाय बना हुआ है। जिसके कारण नगरपरिषद विभाग पर सवालिया निशान लगने लगे हैं।
सोहना कस्बा आवारा पशुओं की शरणस्थली बन कर रह गया है। जहां की सड़कों पर आवारा पशु सुबह से लेकर देर रात्रि तक खुलेआम घुमते रहते हैं। वहीं अनाज मण्ड़ी में धान, गेहूं के ढेरों व अनाज के भरे हुए कटटों में अनाज को खाते रहते है। सुत्रों के अनुसार पता चला है कि ऐसे पशुओं के मालिक सुबह होते ही पशुओं को खुला छोड़ देते हैं। जो पुरा समय कस्बे में इधर उधर घुमकर गंदगी फैलाते रहते हैं। इन पशुओं में गाय, बछडा, सांड इत्यादि शामिल हैं। जो मौका देखकर लोगों के सामान को भी खा जाते हैं वहीं लोगों को चोट पहुंचाने से भी नहीं चूकते हैं।
वहीं नगरपरिषद विभाग ने आवारा पशुओं पर अंकुश लगाने का प्रयास नहीं किया है। काफी समय पहले एक बार आवारा पशु पकडों अभियान चलाया गया था जिसमें आवारा पशुओं को पकड़ कर गऊशाला भिजवाया गया था। उस समय इन आवारा पशुओं से लोगों को काफी निजात मिल गई थी। अब दोवारा से आवारा पशु लोगों को परेशान कर रहे हैं। कस्बे के प्रबुद्ध नागरिकों ने नगरपरिषद प्रशासन से ऐसे आवारा पशुओं पर अंकुश लगाने की मांग की है।