जनता को खूब भा रही भाजपा की योजनाएं, बिना खर्च मिलती है नौकरी, पेंशन 3 हजार पहुंची, इलाज हो रहा मुफ्त

Edited By Isha, Updated: 19 May, 2024 07:35 PM

people are liking bjp s schemes very much

: बिना पर्ची-बिना खर्ची युवाओं को नौकरी मिलने की बात हो या बुजर्गों के सम्मान की पेंशन या फिर 5 लाख तक का मुफ्त इलाज ऐसी सभी योजनाएं जनता को खूब भा रही हैं। ये ऐसी योजनाएं हैं कि जिनका लोगों को डायरेक्ट लाभ पहुंचा है

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : बिना पर्ची-बिना खर्ची युवाओं को नौकरी मिलने की बात हो या बुजर्गों के सम्मान की पेंशन या फिर 5 लाख तक का मुफ्त इलाज ऐसी सभी योजनाएं जनता को खूब भा रही हैं। ये ऐसी योजनाएं हैं कि जिनका लोगों को डायरेक्ट लाभ पहुंचा है। पहले बुजुर्ग पेंशन बनवाने के लिए लाइन में लगे रहते थे, सरपंच, पार्षदों के धक्के खाते थे, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे बदला और अब 60 साल की उम्र होते ही खुद ही पेंशन बन जाती है। इससे भी बड़ी बात यह है कि पेंशन लेने के लिए अब लाइन में नहीं लगना पड़ता, पेंशन के रुपये सीधे बैंक खाते में आते हैं। करीब साढ़े नौ साल मनोहर लाल मुख्यमंत्री रहे और दूरदर्शी सोच के चलते जनकल्याण और युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए एक से बढ़कर एक योजनाएं बनाई। आयुष्मान कार्ड से अब लोग पांच लाख रुपये तक का इलाज किसी भी प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त करवा सकता है। यह भाजपा की सबसे बड़ी और बेहतरीन योजनाओं में से एक है। अब लोकसभा चुनाव हैं और देश और प्रदेश में नई इबारत लिखने जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जोड़ी हरियाणा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है। 

 
रुके नहीं स्टार कैंपेनर मनोहर लाल
मनोहर लाल भाजपा प्रत्याशियों के लिए लगातार प्रचार कर रहे हैं। यही नहीं आखिरी सप्ताह में उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के बावजूद उन्होंने अपने कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं किया और न ही कोई कार्यक्रम रद्द किया। बल्कि मनोहर लाल ने भाजपा संगठनात्मक बैठकें कर कार्यकर्ताओं को चार्ज भी किया। करीब डेढ़ महीने में मनोहर लाल ने हरियाणा के 5 लाख से ज्यादा लोगों के साथ भाजपा के स्टार कैंपेनर के रूप में संवाद करने का काम किया है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले शुरू हुए जनसंपर्क अभियान जोकि आज भी अपनी गति पकड़े हुए हैं। अपने साढ़े नौ साल के शासनकाल में उन्होंने व्यवस्था परिवर्तन की जो अलख हरियाणा में जगाई है, अब किसी भी शासक के लिए उसे बुझा पाना आसान नहीं होगा। 

 
विरोध करने वाले जानते हैं बिना खर्च भाजपा ने नौकरी दी
मनोहर लाल की खास बात है कि उन्हें सफेद वस्त्रों में संत और ऋषि तुल्य होने की उपाधि दी। भले ही बहुत से गांवों में एक वर्ग विशेष के कुछ लोगों द्वारा भाजपा के उम्मीदवारों का विरोध किया गया हो, लेकिन इस वर्ग के बुद्धिजीवी भी इस बात को मानते हैं की मनोहर लाल के सरकार में आने के बाद जिस प्रकार से हरियाणा में नौकरियां बिना खर्ची बिना पर्ची के दी गई है, उससे इस वर्ग को बहुत लाभ हुआ है। 

 
युवक बोला नौकरी छोड़ मनोहर के साथ कर करूंगा
बिना खर्ची बिना पर्ची नौकरी का कितना असर है, इस बात का उदाहरण पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया। दरअसल समालखा विधानसभा क्षेत्र में एक परिवार के चार बच्चे नौकरी लग गए उनमें से एक राजेश नामक युवक नायब तहसीलदार लगा। उसने आकर कहा कि उनके परिवार को चार नौकरियों की जरूरत नहीं थी। वह नायब तहसीलदार नौकरी छोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री के साथ काम करने की बात कहने लगा। तुरंत मिली हुई नौकरी छोड़ने की पेशकश करने का इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता। 

 
सबसे बड़ा लाभ सम्मानित पेंशन
जिस वक्त भाजपा ने हरियाणा की सत्ता संभाली तो बुजुर्गों की पेंशन मात्र 1000 रुपये थी। ये 1000 रुपये भी बुजुर्ग व्यक्ति को लाइन में लगकर सारा दिन धक्के खाने के बाद मिलते थे, लेकिन मनोहर लाल की सरकार ने इस पेंशन को सीधे लाभार्थी के खाते में डालने का काम किया। आज मनोहर लाल बुढ़ापा पेंशन को बढ़ाकर 3000 रुपये तक ले गए। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने आयुष्मान कार्ड जारी किया तो इस तर्ज पर हरियाणा सरकार ने भी चिरायु कार्ड बनाने का काम किया। 

 
अब गांवों में भी बिजली 24 घंटे
अगर प्रदेश में बिजली का जिक्र करें तो सर्वविदित है कि हरियाणा में 24 घंटे बिजली पिछले 40 सालों से एक बड़ा मुद्दा रही थी। 26 अक्टूबर 2014 को जब भाजपा शासन में आई तो हरियाणा में 24 घंटे बिजली प्राप्त करने वाले गांव की संख्या 500 भी नहीं थी। मनोहर सरकार ने इस योजना पर काम किया और आज हरियाणा में कुल 6841 गांवों में से 6000 से ज्यादा गांव में 24 घंटे बिजली दी जा रही है। 

 
किसानों पर विशेष फोकस
भाजपा ने हरियाणा में सत्ता में आने के बाद किसानों का एक बड़ा दर्द महसूस किया। किसानों को सर्दियों के मौसम में रात को ट्यूबवैल के लिए बिजली दी जाती थी। इसे मनोहर सरकार ने बदला और कहा कि यह किसान के साथ अन्याय है। ठिठुरा देने वाली ठंड और ऊपर से खेत में पानी देना निश्चित तौर पर किसान के लिए यह किसी सजा से कम नहीं था। उन्होंने ट्यूबवैल के लिए बिजली दिन में देने की घोषणा की ताकि किसान आराम से पानी दे सके। इसके साथ ही किसानों को फसलों के खराब होने पर मुआवजे के रूप में किस प्रकार 2 रुपये से 5 रुपये के चेक आते थे, वह भी किसी से छिपा नहीं है। इन 10 सालों में सरकार ने पिछले 10 सालों की तुलना में 12 गुना ज्यादा मुआवजा देने का काम किया है। 

 
कांग्रेस पैक होने के कगार पर
इस चुनाव की खास बात ये है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल दोनों ही करनाल से मैदान में हैं। मनोहर लाल करनाल लोकसभा क्षेत्र से संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करनाल विधानसभा से उपचुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव में मनोहर-नायब की जोड़ी ने अपने अंदाज में प्रचार का एक अलग ही सिस्टम अपनाया, जिसने कांग्रेस को लगभग यहां पर "पैक" होने की स्थिति में ला खड़ा किया है। 

 
करनाल में बाहरी प्रत्याशी
करनाल लोकसभा की बात करें तो कांग्रेस ने यहां मनोहर लाल के सामने पंजाबी को मैदान में उतारने के लिए गोहाना के व्यक्ति को करनाल में लाकर छोड़ दिया। यह समस्या अब कांग्रेस के सामने आने लगी है। त्रिलोचन सिंह को नायब सैनी के सामने खड़ा तो कर दिया लेकिन न तो कांग्रेस ने त्रिलोचन की सुध ली और न ही वह अपने प्रचार को गति दे पा रहे हैं। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि करनाल में कांग्रेस अब अपने अंतिम सांस गिनने का काम कर रही है।

 

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