हरियाणा बिजली वितरण निगम में 50 करोड़ के फर्जीवाड़ा मे एक और एक्सईएन गिरफ्तार

Edited By Isha, Updated: 17 Jun, 2022 01:41 PM

one more xen arrested in haryana bijli vitran nigam for forgery of 50 crores

हरियाणा बिजली वितरण निगम में जारी ऑडिट रिपोर्ट में अभी तक 50 करोड़ के फर्जीवाड़े पता चला है। जैसे-जैसे आडिट चल रहा है। फर्जीवाड़े की रकम बढ़ती जा रही है। अभी वर्ष 2018 से 2022 तक का आडिट हुआ है, जिसमें करीब 50 करोड़ रुपये का गबन पकड़ में आया है। इस...

यमुनानगर(सुरेंद्र मेहता): हरियाणा बिजली वितरण निगम में जारी ऑडिट रिपोर्ट में अभी तक 50 करोड़ के फर्जीवाड़े पता चला है। जैसे-जैसे आडिट चल रहा है। फर्जीवाड़े की रकम बढ़ती जा रही है। अभी वर्ष 2018 से 2022 तक का आडिट हुआ है, जिसमें करीब 50 करोड़ रुपये का गबन पकड़ में आया है। इस दौरान तैनात रहे एक्सईएन से लेकर कर्मियों तक की इसमें मिलीभगत मिली है। इस अवधि में कार्यरत रहे दो कार्यकारी अभियंताओं पर भी विभाग ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जबकि एक कार्यकारी अभियंता की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है।

आडिट रिपोर्ट के आधार पर एक्सईएन सहित आठ कर्मियों को इस फर्जीवाड़े का जिम्मेदार माना जा रहा है। इसमें से डिवीजनल अकाउंटेंट योगेश लांबा, एलडीसी राघव वधवा, एएलएम मनहर व सीए पूजा गेरा को पानीपत की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन्हें विभाग की ओर से निलंबित भी किया जा चुका है। अब इस दौरान यहा रहे दो एक्सईएन व अकाउंटेंट भी लपेटे में आ गए हैं। उनके खिलाफ़ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए है। चीफ इंजीनियर ने भी अधिकारियों से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। अब तक वर्ष 2018 से 2022 तक की आडिट रिपोर्ट तैयार हुई है, जिसमें 49 करोड़ रुपये का गबन मिला है। हालांकि यह और अधिक भी हो सकता है, क्योंकि आडिट अभी पूरा नहीं हुआ है।

फर्जीवाड़ा पानीपत में दर्ज केस के बाद उजागर हुआ था। समालखा निवासी टैक्सी चालक के खाते में बिजली निगम के खाते से पैसे ट्रांसफर हुए थे। मामले की जांच के दौरान पानीपत की पुलिस ने सुबूत जुटाए थे और तत्कालीन एक्सईएन बिलासपुर नीरज सिंह, डिवीजनल अकाउंटेंट योगेश लांबा को गिरफ्तार किया। अभी पानीपत पुलिस की तफ्तीश चल रही है। इसमें एक्सईएन से लेकर एलडीसी राघव वधावन, अकाउंटेंट पूजा समेत कई अन्य की गिरफ्तारी हो चुकी है। अभी निगम का एक हैड क्लर्क फरार चल रहा है।

गिरफ्तारी से पहले ही एक्सईएन नीरज सिंह ने बिलासपुर थाना में शिकायत दे दी थी, जिसमें उसने डिवीजनल अकाउंटेंट योगेश लांबा, एलडीसी राघव वधवा, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट राकेश नंदा व समालखा में तैनात डिप्टी सुपरिंटेंडेंट चक्रवर्ती शर्मा पर फर्जी वाउचरों के जरिए 63 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया था। यह केस दर्ज होने के बाद चक्रवर्ती शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी।

एक मामला शहर यमुनानगर थाना में एक्सईएन जगाधरी भूपेंद्र सिंह की शिकायत पर राघव वधावन व योगेश लांबा पर 21 लाख रुपये के वाउचरों के जरिए फर्जीवाड़ा करने का दर्ज हुआ है। यमुनानगर के जगाधरी डिवीजन से अलग होकर बिलासपुर डिवीजन 2001 इसमें बनाई गई थी, इसके चलते अकेले बिलासपुर में एक करोड 37 लाख का फर्जीवाड़ा सामने आया है।

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