सरपंचों की तर्ज पर अब निकायों के चेयरमैन भी होंगे पावरफुल, CM के पास पहुंची आर्थिक शक्तियां बढ़ाने की फाइल

Edited By Isha, Updated: 18 Jul, 2024 06:34 PM

now the chairmen of the bodies will also be powerful like the sarpanches

हरियाणा में सरपंचों को कई तरह के अधिकार दिए जाने के बाद अब स्थानीय निकायों के चेयरमैनों को पावरफुल करने की तैयारी है। नगर पालिका, नगर परिषद तथा नगर निगमों के चेयरमैनों की आर्थिक शक्तियां बढ़ाने और अन्य अधिकार दिए जाने के

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में सरपंचों को कई तरह के अधिकार दिए जाने के बाद अब स्थानीय निकायों के चेयरमैनों को पावरफुल करने की तैयारी है। नगर पालिका, नगर परिषद तथा नगर निगमों के चेयरमैनों की आर्थिक शक्तियां बढ़ाने और अन्य अधिकार दिए जाने के प्रस्ताव को लेकर स्थानीय निकाय विभाग की फाइल मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास पहुंच चुकी है।निकाय मंत्री सुभाष सुधा के द्वारा के प्रयासों से इस फाइल को गति मिली है।

स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के अधिकार बढ़ाने को लेकर योजना का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। इस पर सीएमओ के अधिकारी जहां मंथन कर रहे हैं, वहीं सरकार ने कानूनी राय भी मांग ली है। नई योजना के अंतर्गत निकाय प्रतिनिधियों को कई तरह के वित्तीय तथा राजनीतिक अधिकार देकर सही मायनों में शहरों की सरकार बनाया जाएगा। काम कराने के लिए स्थानीय निकायों के प्रधानों को 20 लाख रुपये तक के निजी कोष के साथ ही पेमेंट अप्रूवल कमेटी में भी जगह देने का प्रस्ताव है।

निकाय चेयरमैनों की ओर से लंबे समय से वित्तीय पावर बढ़ाने सहित अन्य अधिकार देने की मांग की जा रही है। इस संबंध में शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने पिछले दिनों प्रदेश भर के चेयरमैनों के साथ बैठक की थी। विभागीय अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार निकायों में बिल पास करने के लिए चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और सचिव की कमेटी में से दो को साइन की पावर दी जाएगी। सरकारी काम के लिए अब वह खुद की गाड़ी इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके एवज में उन्हें विभाग की ओर से 16 रुपए प्रति किलोमीटर भुगतान किया जाएगा। हर महीने वह 2500 किलोमीटर तक गाड़ी का इस्तेमाल कर सकेंगे। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद शहरी निकायों के जनप्रतिनिधियों को यह सुविधाएं मिलने लगेंगी।

 

निकाय प्रतिनिधियों की यह मांगें

  • पेमेंट अप्रूवल कमेटी में केवल निर्वाचित अध्यक्ष व अधिकारी हो
  • निर्वाचित अध्यक्ष को 15-20 लाख रुपये तक के काम करवाने के लिए हर महीने निजी कोष में बजट दिया जाए
  • शहरों में बने सामुदायिक केंद्र व धर्मशालाओं का जीर्णोद्धार कार्य निकायों को सौंपा जाए
  • सभी चेयरमैनों को सिक्योरिटी के लिए सुरक्षा कर्मी दिए जाएं
  • निकाय अध्यक्ष को अधिकारियों की एसीआर लिखने के अधिकार मिलें

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