Edited By Yakeen Kumar, Updated: 06 Mar, 2025 09:43 PM

एडवोकेट ने हरियाणा प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले (बीपीएल) परिवार के दिव्यांगों को पेंशन का लाभ ना मिल पाने का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री सैनी को पत्र लिखकर दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन संबद्ध नियमों में वार्षिक आय की सीमा 3...
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश सचिव एवं शिवालिक विकास मंच हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट ने हरियाणा प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले (बीपीएल) परिवार के दिव्यांगों को पेंशन का लाभ ना मिल पाने का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री सैनी को पत्र लिखकर दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन संबद्ध नियमों में वार्षिक आय की सीमा 3 लाख रुपए तक बढ़ाने की मांग की है ताकि शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति को भी उसका पेंशन का अधिकार मिल सके।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि बेशक हाल ही में हरियाणा सरकार ने अब 21 तरह के दिव्यांग जन को 1.31 लाख रुपए की अकुशल मानदेय श्रेणी में शामिल करने की घोषणा की है जिनमें थैलेसीमिया, हीमोफीलिया के रोगों से ग्रस्त मरीजों के साथ ही अब मस्कुलर डिस्ट्रॉफी रोग से ग्रस्त मरीजों को भी 3 हजार रुपये पेंशन दी जाएगी यह एक सरहानीय है कदम है। लेकिन पेंशन के लाभ पात्रों को पेंशन के नियम और शर्तों के कारण सभी दिव्यांगों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पाएगा।
विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि दिव्यांगों को पेंशन का लाभ मिलने में सबसे बड़ा रोड़ा उनकी वार्षिक आय 1.31 लाख रुपए तक सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। विजय बंसल बताया कि जबकि बीपीएल परिवार की 1.80 लाख रुपए तक वार्षिक आय होने पर उन्हें गरीबी रेखा संबंधी मिलने वाले सभी सरकारी लाभ मिलते हैं लेकिन बीपीएल परिवार में होने के बावजूद भी उस दिव्यांग को पेंशन का लाभ नहीं मिल पाएगा क्योंकि दिव्यांगों के लिए वार्षिक आय 1.31 लाख रुपए अकुशल मानदेय श्रेणी में रखा गया है। इतना ही नहीं जनरल कास्ट की विधवा महिलाओं की वार्षिक आय भी 3 लाख रुपए निर्धारित की गई है तो दिव्यांगों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है जबकि दिव्यांगों के हाथ या पैर आंख या शरीर का कोई अंग काम नहीं करता है तो उनकी आय कहां से जनरेट होगी। इसलिए सरकार को दिव्यांगों को अधिक से अधिक सहायता उपलब्ध करवाने के लिए उनकी वार्षिक आय कम से कम 3 लाख रुपए की जानी चाहिए।
विजय बंसल ने कहा कि इतना ही नहीं सरकार ने दिव्यांगों को अनस्किल्ड (अकुशल) श्रेणी में रखा है जो सरासर गलत है। दिव्यांग व्यक्ति सामान्य व्यक्तियों की तरह कैसे हर क्षेत्र में निपुण हो सकता है। जबकि सरकार को उन्हें विशेष दर्जा देकर और उनके लिए बनाए गए नियमों में छूट देकर उनकी वार्षिक आय में बढ़ोतरी कर उन्हें भी पेंशन की योजना का लाभ देने के लिए कदम उठाया जाना चाहिए।
विजय बंसल एडवोकेट ने आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा दिव्यांगों को पेंशन का लाभ पात्र बनाने के लिए बनाए गए नियमों की सूची में दिव्यांगों के साथ भेदभाव कर उन्हें पेंशन से वंचित किया जा रहा है। हरियाणा में ऐसे कई दिव्यांग है जो अपनी पेंशन लगवाने के लिए कई वर्षों तक सरकारी विभागों के चक्कर लगाते रहते हैं लेकिन वह 1.31 लाख प्रति वर्ष आय के नियमों जैसी शर्त होने के कारण पेंशन से वंचित होना पड़ रहा हैं।
विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बीपीएल परिवार और दिव्यांगों की वार्षिक आय की सीमा 1.31 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख करने की मांग की है ताकि अभी तक दिव्यांग पेंशन से वंचित अधिकतर दिव्यांगों को भी पेंशन का लाभ मिल सके।
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