महामारी के इस दौर में कर्मचारियों की छंटनी पर दखल दे सरकार: नीरज शर्मा

Edited By vinod kumar, Updated: 30 Jun, 2020 01:51 PM

neeraj said government interfere in retrenchment of employees in company

फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा कहा कि हरियाणा में कोरोना महामारी की आड़ में श्रम कानूनों का उल्लंघन हो रहा है। मुनाफा कमाती रही कंपनियां महामारी की आड़ में हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में...

चंडीगढ़ (धरणी): फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा कहा कि हरियाणा में कोरोना महामारी की आड़ में श्रम कानूनों का उल्लंघन हो रहा है। मुनाफा कमाती रही कंपनियां महामारी की आड़ में हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में कर्मचारियों की छंटनी पर सरकार दखल दे।

कंपनियों से कर्मचारियों की छंटनी करने को लेकर उन्होंने आज विधानसभा में साथी विधायकों गीता भुक्कल, शकुन्तला खटक, सुरेंद्र पंवार, वरुण चौधरी, अमित सिहाग के साथ पैदल मार्च निकाला। इस दौरान फरीदाबाद में बड़ी तादाद में हो रही कर्मचारियों की छंटनी को अनुचित बताते हुए उन्होंने कहा कि जेसीबी जैसी कंपनी जो लगातार मुनाफा कमाती रही है श्रम कानूनों का खुलकर उल्लंघन कर रही है। नियम है कि 300 से ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनी को कर्मचारियों के हटाने पर सरकार से अनुमति लेनी चाहिए। लेकिन जेसीबी ने उन कर्मचारियों को हटाने की बजाय लगभग 350 कर्मचारियों से इस्तीफे लिए हैं। 

नीरज ने कहा कि ऐसे दौर में जब लोगों की नौकरियां जा रही हैं, खाने के लाले पड़े हो कैसे कोई व्यक्ति अपनी अच्छी भली नौकरी से स्वेच्छा से इस्तीफा दे सकता है, वह भी जेसीबी कंपनी में। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों पर पड़ने वाले दबाव की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। 

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पिछले एक पखवाड़े से जेसीबी कंपनी के बाहर रामायण का पाठ कर रहे विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि जेसीबी कंपनी के साथ लगभग 3000 छोटी बड़ी कंपनियां जुड़ी हैं। जेसीबी के फरीदाबाद से पलायन के बाद इन कंपनियों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। शर्मा ने कहा कि फरीदाबाद में छोटी-बड़ी लगभग 18000 कंपनियां हैं जिनमें 6-7 लाख कर्मचारी काम करते हैं। कोरोना काल में इन सभी लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का बड़ा संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में भी छंटनी का दौर चल रहा है।

इसके साथ वीनस कंपनी के मामले को उठाते हुए शर्मा ने कहा कि 62 कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई,  जिसमें से 23 कर्मचारी ऐसे हैं जो पिछले कुछ सालों में इस कंपनी में काम करते हुए अपने हाथ, उंगलियां, अंगूठे आदि गवा बैठे हैं। लेकिन कंपनी ने महामारी के दौर में इन कर्मचारियों से भी उनकी रोजी रोटी छीन ली है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय में भी इन कर्मचारियों के प्रति कंपनी प्रबंधन ने मानवीय संवेदनाएं खत्म कर दी हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे लोकल के लिए वोकल का जिक्र करते हुए नीरज शर्मा ने कहा कि किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही हैं, लेकिन उनकी जमीनों पर लगने वाली फैक्ट्रियों में उन्हीं के बच्चों को रोजगार नहीं मिलता। झाड़सेंतली गांव के किसानों का उदाहरण देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि गांव की सैकड़ों एकड़ जमीन पर लगी जेसीबी कंपनी ने गांव के एक भी बच्चे को चपरासी की भी नौकरी नहीं दी। 

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उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार इन छंटनियों पर मौन साधे हुए है। फरीदाबाद के सांसद और भारत सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर खुद विकलांगों के महकमे को डील करते हैं, इसके बावजूद वीनस कंपनी के हाथ कटा बैठे 23 कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। शर्मा ने मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं के अनुरूप काम करने, इस मामले में दखल देने और जेसीबी व वीनस जैसी कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

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