Corruption Case: सफाई के नाम पर भ्रष्टाचार, 23 अधिकारियों पर गिर सकती है गाज... जानिए क्या है मामला

Edited By Isha, Updated: 07 Dec, 2024 04:19 PM

names of 23 officers accused of corruption in the name of cleanliness

भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के साथ-साथ अब कोर्ट भी गंभीर हो गई है। झज्जर नगर परिषद में सफाई के नाम पर भ्रष्टाचार किए जाने की एक शिकायत पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय तेवतिया ने सुनवाई कर अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। रिटायर्ड एसडीओ

 चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) :  भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के साथ-साथ अब कोर्ट भी गंभीर हो गई है। झज्जर नगर परिषद में सफाई के नाम पर भ्रष्टाचार किए जाने की एक शिकायत पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय तेवतिया ने सुनवाई कर अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। रिटायर्ड एसडीओ रामनिवास सिंगला ने सेशन कोर्ट में शिकायत देकर दो दर्जन के करीब अधिकारियों पर गबन और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। करीब चार माह पहले दायर की गई याचिका पर जिला सेशन जज अजय तेवतिया ने सुनवाई करते हुए सभी से उन पर लगाए गए आरोपों को लेकर जवाब मांगा है। 

इन अधिकारियों पर लगाए आरोप

शिकायत में पीड़ित रामनिवास ने गवन और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हुए हैं। इस शिकायत में तत्कालीन उपायुक्त शक्ति सिंह, नप के पूर्व ईओ अरुण नांदल, तत्कालीन एसडीएम शिखा कुमारी, तत्कालीन एसडीएम रविंद्र, असीमा सांगवान, प्रदीप, रविंद्र, तत्कालीन जिला नगर आयुक्त जगनिवास, श्रीपाल, रविंद्र कुमार, नगर परिषद के सेनेटरी इंस्पेक्टर आनंद मलिक, एडीसी सलोनी शर्मा, बीडीपीओ युद्धवीर, देवेंद्र, दलबीर ढिल्लों, प्रदीप, रमेश वर्मा, रमेश चंद्र, नप के तत्कालीन सचिव राजेश मेहता, नप के एमई मनदीप जांगड़ा, सुमित, नप के ईओ केके यादव, यशपाल के विरुद्ध गबन और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उपरोक्त सभी अधिकारियों से वीएनएसएस की धारा 175 (4) (बी) के अंतर्गत स्पष्टीकरण मांगा है। उपरोक्त सभी अधिकारी जन सेवा हेतु नियुक्ति में है। इनकी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों से तलब की गई है।

न्यायालय में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध लगभग चार माह पहले दायर की थी। शिकायतकर्ता रामनिवास सिंगला ने जिले के कई अधिकारियों पर गबन और भ्रष्टाचार के आरोप शिकायत में लगाए हैं। अदालत में शिकायत देने से पहले उसने इसकी शिकायत नगर परिषद के अधिकारियों से लेकर तत्कालीन उपायुक्त, एडीसी, तत्कालीन मंत्रियों को भी दी थी, लेकिन जांच के नाम पर केवल आश्वासन ही मिला। 

ये दी है शिकायत

रिटायर्ड एसडीओ रामनिवास ने शिकायत में बताया कि झज्जर नगरपरिषद में शहर की सड़कों को साफ करने के लिए कुछ साल पहले एक मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन आई थी। नियमों के अनुसार कंपनी को सफाई का भुगतान करीब 41 लाख रुपए किया जाना था, लेकिन संबंधित अधिकारी ने उसका भुगतान एक करोड़ 46 लाख कर दिया। इस हिसाब से परिषद को ही एक करोड़ से अधिक का चूना लगा दिया। यह रुपया अधिकारियों की जेब में चला गया था। इस मामले में 23 अधिकारियों से अदालत ने स्पष्टीकरण मांगा है।

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