Edited By Shivam, Updated: 04 Sep, 2019 08:25 PM
करनाल नेशनल हाइवे पर कर्ण लेक के समीप शहीद फौजी ढाबे को तोडऩे के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बुधवार को ढाबे को तोडऩे के लिए पहुंची नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारी का ढाबा मालिक सहित पूर्व फौजियों, कर्मचारी संघ और राजनीतिक लोगों ने विरोध किया।
करनाल(केसी आर्या): करनाल नेशनल हाइवे पर कर्ण लेक के समीप शहीद फौजी ढाबे को तोडऩे के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बुधवार को ढाबे को तोडऩे के लिए पहुंची नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारी का ढाबा मालिक सहित पूर्व फौजियों, कर्मचारी संघ और राजनीतिक लोगों ने विरोध किया। प्रशासन क्रेन को लेकर ढाबे को तोडऩे के लिए पहुंचा था, लेकिन विरोध होने के बाद अब प्रशासन पीछे हट गया है।
ढाबे तोडऩे की जानकारी मिलते ही लोग मौके पर पहुंच गए और उन्होंने इसका विरोध किया और कहा कि निगम के पास ढाबे को गिराने के लिए कोई डॉक्यूमेंट नहीं है। जबकि उनके पास रजिस्ट्री है और वह 35 साल से यहां पर बैठे हुए हैं। वहीं पूर्व फौजी के पक्ष में आए फौजियों ने कहा कि पीछे एक दाना पानी रेस्टोरेंट है। उसकी मदद करने के लिए यह सब किया जा रहा है, लेकिन फौजियों के साथ ऐसा भद्दा मजाक नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारी करेंगे तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे और किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने देंगे।
वहीं मौके पर पहुंचे तहसीलदार महेंद्र सिंह ने कहा कि वह ढाबे को सील करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि अब दोनों तरफ से बातचीत की जाएगी जो भी हल होगा उसी पर कार्रवाई होगी
सदर थाना के एसएचओ बलजीत सिंह ने बताया कि करनाल हाइवे पर ढाबे को सील करना था। इसके लिए उन्होंने पुलिस प्रोटेक्शन दी है। उन्होंने कहा कि उनका काम कानून व्यवस्था को ठीक रखना है और इसकी उन्होंने व्यवस्था की है।