मतदान बूथ में विधायक नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल और पेन- राजेन्द्र नांदल

Edited By Vivek Rai, Updated: 09 Jun, 2022 09:22 PM

mlas will not be able to take mobile and pen to the polling booth

राजेन्द्र कुमार नांदल ने जानकारी देते हुए बताया कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की गाइडलाइन की पालना सख्ती से होगी। हम किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेंगे। यह चुनाव आब्जर्वर की देखरेख में संपन्न होगा।

चंडीगढ़(धरणी): पिछले राज्यसभा चुनाव में स्याही कांड से बड़ी सीख लेते हुए चुनाव आयोग इस बार किसी भी प्रकार की कोताही करने के मूड में नहीं दिख रहा है। इस महत्वपूर्ण विषय को लेकर हरियाणा विधानसभा सचिव एवं चुनाव निर्वाचन अधिकारी.  राजेन्द्र कुमार नांदल ने जानकारी देते हुए बताया कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की गाइडलाइन की पालना सख्ती से होगी। हम किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेंगे। यह चुनाव आब्जर्वर की देखरेख में संपन्न होगा। चुनाव आयोग की परमिशन से ही काउंटिंग शुरू होगी और हर स्टेप की रिपोर्ट चुनाव आयोग को दी जाएगी।

उन्होंने बताया की चुनाव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली जा चुकी है। स्टाफ की ड्यूटी लगाई जा चुकी हैं। आयोग ने अपने पूरे प्रबंध कर लिए हैं। हरियाणा के चीफ इलेक्ट्रोल अधिकारी अनुराग अग्रवाल चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं जो कि पूरा दिन पोलिंग बूथ में ही रहेंगे।चुनाव आयोग की गाइडलाइन प्रॉपर तरह से फॉलो किए जाएंगे। मतदान सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। इसके बीच कोई भी वोटर किसी भी वक्त आकर वोट डाल सकेगा। चुनाव समाप्त होने के बाद इसकी रिपोर्ट इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को भेजी जाएगी। वहां से परमिशन आने के बाद 5 बजे मतगणना शुरू होगी।

नांदल ने बताया कि अगर सभी 90 विधायक चुनाव में हिस्सेदारी लेते हैं तो जीतने वाले पहले उम्मीदवार को 31 वोट और दूसरे उम्मीदवार को 30 वोट चाहिए होंगे। उदाहरण के तौर पर बीजेपी के 40 विधायक अपनी पहली वरीयता बीजेपी को देंगे और दूसरी वरीयता दूसरे उम्मीदवार को देंगे तो 31 पूरी होने के बाद 9 वोटरों की वैल्यू दूसरे कैंडिडेट को ट्रांसफर हो जाएगी। नांदल ने बताया कि राज्यसभा का चुनाव ओपन बैलट सिस्टम से होता है। इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने इस चुनाव के लिए पेन उपलब्ध करवाए हैं। वही पेन वोटर इस्तेमाल कर पाएंगे। पोलिंग बूथ के अंदर कोई भी वोटर मोबाइल या पेन नहीं ले जा सकेंगे।

नांदल ने बताया कि इस चुनाव में वोटर औरों से तो गोपनीयता रखता है, लेकिन पार्टी के ऑथराइज्ड एजेंट को अपना वोट दिखाना जरूरी होता है। अगर विधायक ऐसा नहीं करता तो एजेंट की शिकायत पर उसका वोट इनवेलिड घोषित हो जाता है। इस चुनाव में पार्टी ना तो पार्टी व्हिप जारी कर सकती है और एंटी डिफेक्शन लॉ भी इस पर लागू नहीं होता। इस चुनाव में विहिप जारी करना अवैध है। पार्टी के हिसाब से वोट ना देने वाले विधायक के खिलाफ पार्टी अपने लेवल पर कोई भी कार्यवाही कर सकती है, लेकिन फिर भी वह विधायक अवश्य रहेगा। राज्यसभा की यह चुनाव बेशक विधानसभा परिसर में ही डाले जाएंगे, लेकिन चुनाव कार्यवाही विधानसभा का हिस्सा नहीं होती। इसमें विधानसभा स्पीकर भी 1 सदस्य ही होते हैं और अपना वोट का इस्तेमाल करते हैं।

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