Edited By Isha, Updated: 06 May, 2025 11:15 AM
प्रवर्तन निदेशालय ने हरियाणा में पूर्व कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है।ED जब पूर्व विधायक को गिरफ्तार करने पहुंची तो वे भागने लगे। इस दौरान ईडी के अधिकारियों
हरियाणा डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय ने हरियाणा में पूर्व कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। ED जब पूर्व विधायक को गिरफ्तार करने पहुंची तो वे भागने लगे।

इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने उन्हें दौड़कर पकड़ा, जिसमें पूर्व विधायक नीचे गिर गए। धर्म सिंह छोकर और ईडी कर्मचारियों के बीच नोंकझोंक भी देखने को मिली. जमीन पर बैठे धर्म सिंह उठने का नाम नहीं ले रहे थे।
बता दें कि पूर्व विधायक और उनकी कंपनी पर 1500 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।गिरफ्तारी को लेकर ऐसा आरोप है कि उन्होंने दीनदयाल आवास योजना के तहत लगभग 1500 करोड़ का गबन किया है।
गिरफ्तारी के दौरान का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि टीम की सख्ती के बाद आखिरकार उन्हें उठाया गया और गाड़ी में बैठाया गया। उठने में आनाकानी करने पर टीम के एक सदस्य ने उनकी कॉलर पकड़ी और खड़ा कर दिया। इस नोंकझोंक के दौरान पूर्व विधायक की शर्ट फट गई। अब उनकी गिरफ्तारी का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

कौन हैं धर्म सिंह छौक्कर?
धर्म सिंह छौक्कर पुलिस की नौकरी छोड़ सियासतदान बने। धर्म सिंह छौक्कर के दो और भाई थे, जिसमें से एक इंदर सिंह छौक्कर साल 2000 में पुलिस नौकरी छोड़ पहले इनेलो के कार्यकर्ता बने। फिर उन्होंने समालखा विधानसभा से राजनीति की शुरुआत की। इनेलो ने टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय ही चुनाव लड़े। इस दौरान वे पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के संपर्क में आए और हजकां में शामिल हो गए। इंदर सिंह का निधन होने के बाद उनके भाई धर्म सिंह छौक्कर भाई की राजनीतिक विरासत संभाली। साल 2007 में इंदर सिंह छौक्कर की मौत के बाद साल 2008 में धर्म सिंह छौक्कर राजनीति में आए।

समालखा से दूसरी बार विधायक बने
पहली बार हजकां के टिकट पर कांग्रेस के उम्मीदवार संजय छौक्कर को हराकर विधायक बने। इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए। 2014 में धर्म सिंह छौक्कर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। हारने के बाद भी 5 साल तक वे अपनी विधानसभा में सक्रिय रहे और 2019 में उन्होंने बीजेपी के शशिकांत कौशिक को हराया और दूसरी बार विधायक बने।