Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 05 Jun, 2025 06:11 PM

शहर की व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर विभागों में तालमेल की कमी है। इस तालमेल के अभाव में गुड़गांव में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसका जीता जागता उदाहरण इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंत्री के सामने ही अधिकारी अपनी जिम्मेदारी एक विभाग से...
गुड़गांव, (ब्यूरो): शहर की व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर विभागों में तालमेल की कमी है। इस तालमेल के अभाव में गुड़गांव में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसका जीता जागता उदाहरण इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंत्री के सामने ही अधिकारी अपनी जिम्मेदारी एक विभाग से दूसरी विभाग पर डालते नजर आए। आज हुई जीएमडीए अधिकारियों के साथ बैठक में केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत भी मानसून में जलभराव को रोकने के लिए भगवान पर ही भरोसा करते नजर आए। हालांकि मंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन की जलभराव रोकने के लिए तैयारी पूरी है, लेकिन भगवान के ऊपर है कि गुड़गांव में बारिश कितनी होती है।
गुरुग्राम की ताजा खबरों के लिए लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर टच करें।
मंत्री ने कहा कि जीएमडीए का गठन इसलिए किया गया था कि गुड़गांव निवासियों को सहुलियत मिले, लेकिन विभागों के बीच कार्य बंटवारे को लेकर काफी विवाद भी चला आ रहा था। अब यह विवाद समाप्त हो गया है। जीएमडीए, नगर निगम व अन्य विभागों को उनके कार्य बता दिए गए हैं। ऐसे में अब सभी विभाग अपने अपने कार्यों को सुचारू रूप से करेंगे। राव इंद्रजीत ने कहा कि आज की बैठक में देखने को मिला था कि एक ड्रेन के मामले में एक विभाग के अधिकारी दूसरे विभाग के अधिकारियों पर अपने कार्य का पल्ला झाड़ते नजर आए। ऐसे में अब निर्देश दिए गए हैं कि कार्य में कोई भी कोताही न बरती जाए।
वहीं, मंत्री ने कहा कि साल 2009 में जब मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी तब भी वह सांसद थे। आज 2025 में भी सांसद हैं। मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी तो मिल गई है, लेकिन इसके टैंडर प्रक्रिया आज तक शुरू नहीं कर पाए। आज की बैठक में इस पर भी चर्चा की गई है। वहीं, सबसे प्रमुखता पर ड्रेन का मुद्दा रहा है। अब जिला प्रशासन ने तो जलभराव को लेकर अपनी तैयारी कर ली है, लेकिन अब देखना यह है कि भगवान इस मानसून में कितनी बारिश करते हैं।