घरों में नहीं पहुंच रहे मीटर रीडर, बिलों के लिए सब-स्टेशन के चक्कर काट रहे उपभोक्ता

Edited By Isha, Updated: 05 Jun, 2019 10:12 AM

meter reader not reaching homes

क्वालिटी सब-स्टेशन के अधीन आने वाले क्षेत्र महेशनगर, गोङ्क्षबद नगर, राम नगर व एकता विहार सहित दर्जनों कॉलोनियों में मीटर रीडर नहीं पहुंच रहे। उपभोक्ताओं को बिजली बिलों के लिए खुद विभागीय

अम्बाला छावनी (हरिंद्र): क्वालिटी सब-स्टेशन के अधीन आने वाले क्षेत्र महेशनगर, गोङ्क्षबद नगर, राम नगर व एकता विहार सहित दर्जनों कॉलोनियों में मीटर रीडर नहीं पहुंच रहे। उपभोक्ताओं को बिजली बिलों के लिए खुद विभागीय दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। मीटर रीडर के पद पर तैनात कर्मचारियों की ढीली कार्यशैली एक बार फिर अम्बाला वासियों के लिए मुसीबत बनती नजर आ रही है। इससे निगम की छवि तो खराब हो ही रही है लेकिन उपभोक्ता भी एक बार फिर परेशानी में पड़ गए हैं।

बिजली निगम की उपभोक्ताओं को सुविधाएं देने के दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रहे गए हैं। मैंटीनैस व रिपेयर वर्क, तारों का बदलना, नए ट्रांसफार्मर लगाने के बाद भी उपभोक्ताओं को बिजली सुचारू रूप से नहीं मिल रही लेकिन अब उपभोक्ताओं के लिए एक और मुसीबत खड़ी हो गई है और वह मुसीबत है मीटर रीडरों का घरों पर न पहुंचना। ऐसी ही समस्या की जानकारी देते हुए गोङ्क्षबद नगर निवासी नरिन्द्र ङ्क्षसह, हरजीत ङ्क्षसह, मनोज सैनी आदि ने बताया कि 2 महीने बीत गए हैं लेकिन अभी तक कोई भी मीटर रीङ्क्षडग लेने नहीं आया। अगर वह मीटर रीडर का इंतजार करते रहे तो 4 महीनों का इकट्ठा बिल देना पड़ेगा। गर्मी के मौसम में अधिकांश उपभोक्ता बिजली बिलों के लिए क्वालिटी सब-स्टेशन के चक्कर काटते दिखाई दिए।

एक्स-सॢवसमैन हटाने के बाद बड़ी मुसीबत
बिजली निगम में मीटर रीडर व अन्य पदों पर तैनात एक्स-सॢवसमैन को सेवा मुक्त कर दिया गया है। विभाग जहां उनकी ढीली कार्यशैली को लेकर कांट्रैक्ट खत्म की बात कर रहा है तो वहीं उपभोक्ताओं ने इसे गलत ठहराया है। उनका कहना है कि एक्स-सॢवसमैन पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। वह समय पर मीटर रीङ्क्षडग लेने आते थे और समय पर काम निपटाते थे। 

कुछ समय पहले शुरू हुई थी सुविधा 
बिजली निगम ने कागजी कार्रवाई को बंद कर व बिजली बिलों के आंवटन को लेकर कुछ समय पहले ही एक बड़ा बदलाव किया था। इसके तहत मीटर रीडर को एक मशीन दी गई थी जो सर्वर से अटैच होती थी, जब भी मीटर रीडर रीङ्क्षडग लेने जाता था तो रीङ्क्षडग नोट करते ही उपभोक्ता को मौके पर कम्प्यूटराइज्ड बिजली का बिल थमा दिया जाता था। लेकिन बिजली निगम की यह सुविधा भी खटाई में पड़ गई है।

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