Edited By Parveen Kumar, Updated: 02 Jul, 2025 08:43 PM

साइबर क्राइम ईस्ट एरिया में जालसाजों ने ईडी व सीबीआई जांच के नाम पर एक कंपनी अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट करते हुए 6,96,094 रुपए की ठगी कर ली। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है।
गुड़गांव, (ब्यूरो): साइबर क्राइम ईस्ट एरिया में जालसाजों ने ईडी व सीबीआई जांच के नाम पर एक कंपनी अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट करते हुए 6,96,094 रुपए की ठगी कर ली। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है।
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पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-54 स्थित एक सोसाइटी में रहने वाले प्रशांत कुमार मोहंती ने बताया कि वे मानेसर स्थित ऑटो एंसिलरी कंपनी में बिजनेस हेड के रूप में काम करते हैं। बीती 14 मई 2024 की सुबह उसके मोबाइल पर एक कॉल आई। जिसमें प्रशांत कुमार का मोबाइल नंबर डिएक्टिव करने की बात कही। इसके कुछ देर बाद ही फिर कॉल आई जिसमें एक महिला ने उसे बताया कि प्रशांत के नाम से लखनऊ के चंदन नगर इलाके में जिओ का कनैक्शन लिया गया, जिसका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स ट्रेडिंग जैसी अवैध गतिविधियों में किया जाता है।
उन्होंने उस नंबर की कनेक्टिविटी बंद कर दी थी। महिला ने प्रशांत कुमार को आधार कार्ड का मिसयूज कर जिओ का कनैक्शन लिए जाने के खिलाफ ऑन लाइन शिकायत करने को कहा। महिला ने कॉल को एक व्हॉट्सअप नंबर पर ट्रांस्फर कर दिया। जिसमें लखनऊ के आलम बाग पुलिस का फोटो दिखाई दे रहा था। जहां पुलिस की वर्दी पहने एक अधिकारी ने कुछ देर अपना चेहरा दिखाया और प्रशांत कुमार को धमकी देते हुए कहा कि उसका नाम मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स मामले में यूपी के राजनेता के साथ जुड़ा है। वहीं बताया गया कि तीन अकाउंट में प्रशांत को राजनेता से पैसे मिले थे। इसी बीच उस शख्स ने कहा कि उसे ऑनलाइन गिरफ्तारी वारंट भेजा गया है।
इसी दौरान उसने किसी अन्य व्यक्ति को कहा कि गुडग़ांव पुलिस को तत्काल गिरफ्तारी के लिए आदेश दें। इसके बाद प्रशांत कुमार से ईडी की पूछताछ के बहाने सभी बैंक खातों के बारे में बताने को कहा। इसके बाद तमाम पैसा ट्रांसफर करने को कहा गया। वहीं यह भी बताया गया कि ईडी/सीबीआई की सत्यापन के बाद उसका सारा पैसा वापिस कर दिया जाएगा। प्रशांत इतना भयभीत हो गया कि उसने अपने अकाउंट का पैसा उनके द्वारा दिए गए अकाउंट में 6,96,094 रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद प्रशांत ने जब अपने परिजनों को बताया तो उसे अहसास हुआ कि उसके साथ साइबर ठगी हो गई है।
उसने तुरंत 1930 पर कॉल करके बताया। इसके बाद उसके पास नेशनल साइबर क्राइम नाम से एक मैसेज आया। जिसमें बताया गया कि 14 मई की रात को 10.47 बजे 2,52,402 रुपए अमाउंट पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद भी 15 मई को उनके पास एक नंबर से कॉल आई और साइबर थाना में दी शिकायत को वापिस लेने को कहा गया। वहीं सैटलेमैंट किए जाने की बात भी कही गई।