Edited By vinod kumar, Updated: 14 Jun, 2020 06:58 PM
प्रदेश के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान कहा कि सरकार के उदासीन रवैये के कारण इलाके के टमाटर उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अविलंब संघर्षरत किसानों से मिलकर इस मसले को सुलझाना चाहिए और उन्हें हुए...
चंडीगढ़ (धरणी): प्रदेश के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान कहा कि सरकार के उदासीन रवैये के कारण इलाके के टमाटर उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अविलंब संघर्षरत किसानों से मिलकर इस मसले को सुलझाना चाहिए और उन्हें हुए नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।
मान ने कहा कि सब्जी खरीद के लिए हरियाणा में ७ जोन बनाए गए हैं, जिसमें जोन के भीतर मॉड रेट में बड़ा झमेला है। किसानों को बड़ा नुकसान मॉड रेट के कारण ही उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जोन के अंदर मॉड रेट में मंडियों में हुई औसत बिक्री किसानों की संख्या से तय की जा रही है ना कि वजन के हिसाब से, जिससे वाजिब भावान्तर किसानों को नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने कहा कि फसल की लागत में भी घालमेल किया जा रहा है। बीज, खाद, बुआई, कटाई को लागत में शामिल किया गया है, पर किसान द्वारा फसल को खेत से लेकर मंडी तक लाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ट्रांसपोर्टेशन को शामिल नहीं किया गया है। इससे भी किसानों को दोहरा नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें सुधार किए जाने की जरूरत है।
मानकवास के लंबे समय से धरने पर बैठे किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए मान ने कहा कि भयंकर गर्मी में बैठे किसानों को बुलाकर सरकार को बातचीत करनी चाहिए और सहानुभूतिपूर्वक रास्ता निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि दादरी, बाढड़ा विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में टमाटर उगाया जाता है, इसलिए बिना वक्त गवाएं सरकार को बातचीत की पहल करने चाहिए।