Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 13 Aug, 2025 07:24 PM

सोहना मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन एवं भाजपा नेता सुखबीर सिंह सुखी की हत्या करने वाले साले को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज सुनील कुमार दिवान की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
गुड़गांव, (ब्यूरो): सोहना मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन एवं भाजपा नेता सुखबीर सिंह सुखी की हत्या करने वाले साले को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज सुनील कुमार दिवान की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में संलिप्त अन्य आरोपियों को भी दोषी करार देते हुए उन्हें भी कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने उन पर जुर्माना भी लगाया है।
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जानकारी के मुताबिक, 1 सितंबर 2022 को सिविल लाइन्स में अग्रवाल धर्मशाला के नजदीक पूर्व चेयरमैन सुखबीर उर्फ सुखी रेमंड्स शोरूम में कपड़े लेने के लिए आए थे। इस दौरान हथियारबंद बदमाशों ने शोरूम में घुस कर फायरिंग कर दी थी। इस घटना में सुखी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। दिन दिहाड़े वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए थे। मामले में पुलिस के आला अधिकारी जब मौके पर आए तो जांच के दौरान पपला गैंग के सदस्य द्वारा वारदात को अंजाम दिया जाना सामने आया था। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पपला गैंग के शूटर चमन सहित अंकुल, राहुल, दीपक उर्फ दीपू व अनुज को गिरफ्तार किया गया था।
प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया था कि चमन मृतक सुखी का साला है। सुखी ने चमन की बहन पुष्पा से लव मैरिज की हुई थी जिसके कारण चमन रंजिश रखे हुए था। सुखी की हत्या के लिए चमन काफी समय से प्रयास कर रहा था। इसके लिए उसने कई बार रेकी भी कराई थी। 1 सितंबर 2022 की दोपहर को चमन को मौका मिल गया और जब सुखी अपने गांव रिठौज से कपड़े खरीदने के लिए गुड़गांव के रेमंड शोरूम पहुंचा तो उसने अपने साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया। वारदात के दौरान आरोपी अपने साथियों के साथ पैदल ही शोरूम में आया था और अपने वाहनों को वह दूर कहीं खड़ा कर आए थे।
पुलिस ने मामले की जांच के दौरान पाया कि आरोपी चमन गैंगस्टर पपला को छुड़ाने में भी अहम भूमिका निभा चुका है। इसके अलावा उस पर संगीन अपराधों के कई मामले दर्ज हैं। साल 2011 में बादशाहपुर में थाने में मारपीट का केस दर्ज हुआ था। इसके बाद साल 2015 में उसने महेंद्रगढ़ में एक हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। साल 2016 में सोहना पुलिस ने उसे अवैध हथियार के साथ पकड़ा िाा। इसके बाद साल 2019 में उसने गैंगस्टर सुरेंद्र की हत्या की योजना बनाई थी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया था।
मामले में जांच कर पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया। अदालत के समक्ष जो सबूत व गवाह पेश किए गए उससे आरोपियों पर लगे आरोप साबित हो गए। अदालत ने चमन व उसके साथियों को दोषी करार देते हुए उसे आईपीसी की धारा 302 के तहत उम्रकैद, एक लाख रुपए जुर्माना, धारा 201 के तहत दाे साल कैद, 50 हजार जुर्माना, धारा 120बी के तहत उम्रकैद व 1 लाख रुपए जुर्माना तथा धारा 25(1B) आर्म्स एक्ट के तहत 5 साल कैद व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।