Edited By Deepak Kumar, Updated: 16 Apr, 2025 05:47 PM

करनाल जिले में बने हैफेड के 3 गोदाम में 10 करोड़ रुपये का गेहूं बर्बाद हुआ। हैफेड द्वारा गेहूं की देखभाल की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनी को मिली थी, लेकिन लापरवाही के चलते करोड़ों का नुकसान हुआ।
करनाल: जिले में बने हैफेड के 3 गोदाम में 10 करोड़ रुपये का गेहूं बर्बाद हुआ। हैफेड द्वारा गेहूं की देखभाल की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनी को मिली थी, लेकिन लापरवाही के चलते करोड़ों का नुकसान हुआ। बता दें करनाल जिले में बने हैफेड के 3 गोदामों में 10 करोड़ रुपये का गेहूं खराब हो गया है। इस खबर के अनुसार, मौसम और भंडारण की स्थिति के कारण गेहूं में नमी आ गई, जिससे यह खराब हो गया।
10 करोड़ रुपये का गेहूं खराब
गेहूं के रखरखाव के लिए हैफेड द्वारा करनाल जिले में गोदाम बनाए हुए है, जिसमें नेवल, असन्ध और नीलोखेड़ी के गोदाम में रखा करीब 10 करोड़ रुपये का गेहूं खराब हो गया है। इन गोदामों में लंबे समय से गेहूं रखी है। जानकारी मिली है कि इस गेहूं में सुरसरी लग जाने के कारण अब ये गेहूं नष्ट होने के कगार पर पहुंच गया है। हालात इतने खराब हो गये हैं कि सुरसरी अब गोदामों से बाहर आनी शुरू हो चुकी है, जिससे आसपास के इलाके में गेहूं में भी सुरसरी का खतरा है। जानकारी मुताबिक सुरसरि लगने से 50 किलो का कट्टा 32 किलो का रह गया है। जिले में करीब 4 लाख गेहूं के कट्टे खराब होने का अनुमान है।
एफसीआई ने गेहूं की गुणवत्ता पर उठाए थे सवाल
एफसीआई ने जनवरी और फरवरी में गेहूं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। गेहूं को अपग्रेड करने के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन उसे समय के जिला महाप्रबंधक और जिम्मेदार कर्मचारियों ने इस काम के बारे में अनदेखी की। 4 अप्रैल को करनाल जिले के हैफेड जीएम अमित कुमार का तबादला हो गया। नए जीएम उधम सिंह ने कार्यभार संभाला तो कर्मचारी और लेवल गोदाम के पास रहने वालों ने गेहूं में सुरसरि होने की शिकायत दी। इसके बाद जांच में गेहूं के खराब होने की पुष्टि हुई।
जांच के लिए बनाई गई अधिकारियों की कमेटी: जीएम
हैफेड के जीएम उधम सिंह ने बातचीत में बताया कि हैफेड हेड ऑफिस को इस घटना की जानकारी दे दी गई है। जांच के लिए अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है। जिले में करीब 25000 क्विंटल गेहूं की कमी मानी जा रही है। सरकार के नियमों के अनुसार रिकवरी रेट 3900 प्रति क्विंटल है। उन्होंने बताया कि हैफेड गेहूं खरीद कर अपने गोदाम में रखता है। गोदाम में रखी गई गेहूं के रखरखाव वह देखभाल की जिम्मेदारी एक कंपनी को दी जाती है। इसके बावजूद हैफेड अधिकारियों की जिम्मेदारी भी होती है कि वे समय-समय पर निरीक्षण करें। लेकिन पिछले साल खरीदे गए गेहूं की कोई निगरानी नहीं की गई। नेवल गोदाम के पास रहने वालों ने बताया कि सुरसरि उनके घरों तक पहुंच गई है।
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)