Edited By Deepak Kumar, Updated: 25 Oct, 2025 08:27 PM

जींद में पराली जलाने वालों को लेकर पुलिस अलर्ट हो गई है। इसको लेकर पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की। पुलिस ने कहा कि कानून तोड़ा तो बड़ी कार्रवाई होगी।
जींद (अमनदीप पिलानिया) : जींद में पराली जलाने वालों को लेकर पुलिस अलर्ट हो गई है। इसको लेकर पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की। पुलिस ने कहा कि कानून तोड़ा तो बड़ी कार्रवाई होगी। जींद के एसपी कुलदीप सिंह ने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि खेतों में पराली और भूसे को जलाने की घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए जिलेभर के किसानों और नागरिकों के लिए सख्त एडवाइजरी जारी की है।
पुलिस अधीक्षक जींद ने स्पष्ट कहा है कि खेतों या खुले स्थानों पर पराली जलाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक गंभीर खतरा भी है। एडवाइजरी का उदेश्य किसानों ओर जिला वासियों को जागरुक करना और पराली जलानें कि घटनाओं पर अंकुश लगाना है। पराली जलाना आग लगाना एक दंडनीय अपराध कि श्रेणी में आता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों के तहत, जो भी व्यक्ति पराली जलाते पकड़ा जाएगा उसके खिलाफ भारी जुर्माना, एफआईआर दर्ज और अन्य कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने इस विषय पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है।
पराली जलाने के दुष्परिणाम
- खेतों की उर्वरक क्षमता घट जाती है।
- वातावरण में जहरीली धुंध फैलती है।
- सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है।
- अस्थमा, एलर्जी, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारियों में तेजी से इजाफा होता है।
किसानों के लिए समाधान
सरकार द्वारा किसानों को हैप्पी सीडर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, मल्चर जैसी आधुनिक मशीनें उपलब्ध करवाई जाती है । ताकि किसान इन उपकरणों का उपयोग कर सके और पराली प्रबंधन को आसान बना सके ।
पुलिस की निगरानी और अपील
जिलेभर में पुलिस की विशेष टीमें लगातार सक्रिय निगरानी कर रही है। बीट अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रहे है। पराली जलाने की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर कार्रवाई की जाएगी।
पराली जलाना केवल खेत में आग लगाना नहीं: एसपी
एसपी ने कहा कि पराली जलाना केवल खेत में आग लगाना नहीं, बल्कि आने वाले कल के स्वास्थ्य और पर्यावरण को खाक करना है। किसान वैकल्पिक उपाय अपनाकर जींद को प्रदूषण मुक्त बनाने में पुलिस का साथ दें।