विदेशों में बैठे भारतीय भी अब सी.एम. विंडों तक पहुंचा सकेगें शिकायतः अनिल राव

Edited By Manisha rana, Updated: 29 Oct, 2020 10:48 AM

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हरियाणा सीएम विंडो के सर्वे सर्वा व चीफ अनिल राव ने बताया कि विभाग के या जिले के नोडल अधिकारी को हम एंपावर भी कर रहे हैं और उनसे अपेक्षा भी कर रहे हैं कि अगर इस प्रकार के मामले में खुद वेरीफाई...

चंडीगढ़ (चन्द्रशेखर धरणी) : हरियाणा सीएम विंडो के सर्वे सर्वा व चीफ अनिल राव ने बताया कि विभाग के या जिले के नोडल अधिकारी को हम एंपावर भी कर रहे हैं और उनसे अपेक्षा भी कर रहे हैं कि अगर इस प्रकार के मामले में खुद वेरीफाई करें या दूसरे किसी विश्वसनीय अधिकारी से गहन जांच करवाएं। ऐसा नहीं कि सभी शिकायतें सच्ची ही पाई जाती हैं। इनमें काफी गलत शिकायतें भी आती हैं।

अनिल राव ने बताया कि प्रदेश के लोगों की समस्या के समाधान के लिए मुख्यमन्त्री द्वारा सी.एम. विंडो का निर्माण किया गया। यह मुख्यमन्त्री की बेहतरीन योजनाओं में से एक है। जिसके चलते सम्बन्धित अधिकारी को निश्चित समय में कार्यवाही करनी होती है। सी.एम. विंडो के चीफ अनिल राव से पंजाब केसरी ने विशेष मुलाकात की। अनिल राव की कार्यशैली का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वह गुप्तचर विभाग के भी चीफ रह चुके हैं। राव ने सी.एम. विंडो में काफी सुधार किए हैं और आने वाले समय में ओर भी बदलाव देखे जा सकते हैं। राव ने बताया कि विदेश में बैठे भारतीयों की समसयाओं के समाधान के लिए भी उन्होने एक अच्छा कदम उठाया है। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैंः-

प्रश्न : आम जनता जिनकी सुनवाई नही होती। उनके समाधान के लिए सी.एम. विंडो बनाया गयाा। कितनी सफलता मानते हैं आप?
उत्तर :  इस परिणाम काफी कारगर रहा है। हमारे पास सी.एम. विंडो, ट्विटर इत्यादि के माध्यम से करीब एक हजार शिकायतें प्रतिदिन आती हैं और बड़ी संख्या में हम इन शिकायतों का प्रतिदिन समाधान करते हैं। हमारा प्रयास चल रहा है कि जैसे पहले शिकायतों पर हम डिपार्टमेंट को मिलाकर रिव्यू करते थे। अब हमने इसमें थोडा बदलाव किया। इंडिविजुअल डिपार्टमेंट 1-1 विभाग को रिव्यू करना शुरू किया है। हाल ही हमने हिसार कमिश्नरेट को रिव्यू किया जिसमें उपायुक्त भी शामिल हुए और दूसरा तरीका हम खुद भी फील्ड में जाकर अधिकारियों से बात चलते हैं। कई बार अधिकारियों की भी समस्या होती है। उन्हे भी सुनकर समाधान किया जाता है।

प्रश्न : सी.एम. विंडो किस प्रकार से काम करती है?
उत्तर : शिकायत किसी भी माध्यम से हम तक पहुंचे और ट्विटर तो 24 घंटे ही काम करती है। हम तुरंत संबंधित विभाग को मेल या अन्य किसी माध्यम से सम्बन्धित विभाग को भेज देते हैं। गंभीर मामले में तो तुरंत फोन करके भी अधिकारियों को सूचित किया जाता है।

प्रश्न :  आपने सी.एम. विंडो को काफी हाईटेक किया। क्या पहले के मुकाबले शिकायतों में कुछ इजाफा हुआ?
उत्तर : अभी तक ई. दिशा केंद्र में जाकर ही शिकायत भेजी जाती थी। इसको और सरल बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। अब कोई भी व्यक्ति घर बैठकर ही शिकायत कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति केवल तंग करने के लिए या दुर्भावना से शिकायत भेज रहा है तो इससे बचने के लिए हम ओ.टी.पी. सिस्टम या ऐसा कोई ओर सिस्टम जिससे वेरिफिकेशन की जा सके करने के मूड में है। हमने विदेशी नागरिकों,  प्रवासी भारतीयों के सेल को भी एक्टिवेट किया है। लेकिन इसके लिए उसकी पासपोर्ट कॉपी हमारे द्वारा ली जाती है।

प्रश्न :  विदेशी नागरिकों से जुडे मामले को सरल भाषा में समझाएं?
उत्तर : जो भारतीय नागरिक दूसरे देश में रहते हैं और उनकी पीछे से कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। वह विदेश में बैठे हुए ही हम तक अपनी समस्या पहुंचा सकता है और हम उसका समाधान करेंगे।

प्रश्न :  प्रतिदिन कितनी शिकायत आप तक पहुंच रही हैं?
उत्तर :  रोजाना करीब एक हजार शिकायतें पहुंचती है। जिसमें से सात सौ के करीब सीएम विंडो से और बाकी 300 के आसपास ट्विटर हैंडल और प्रधानमंत्री हैंडल के माध्यम से पहुंचती है।

प्रश्न :  कई बार देखने को आता है सी.एम. विंडो की कंप्लेंट जिस अधिकारी के खिलाफ होती है या जिसने कार्यवाही नही की होती उसी के पास जांच चली जाती है। इसमें सुधार के लिए क्या पॉलिसी है?
उत्तर : विभाग के या जिले के नोडल अधिकारी को हम एंपावर भी कर रहे हैं और उनसे अपेक्षा भी कर रहे हैं कि अगर इस प्रकार के मामले में खुद वेरीफाई करें या दूसरे किसी विश्वसनीय अधिकारी से गहन जांच करवाएं। ऐसा नहीं कि सभी शिकायतें सच्ची ही पाई जाती हैं। इनमें काफी गलत शिकायतें भी आती हैं।

प्रश्न :  द्वेष भावना से भेजी हुई झूठी शिकायतों पर क्या कोई कानूनी कार्रवाई करने का कोई प्रावधान है?
उत्तर : हम हर एक शिकायत को बड़ी गम्भीरता से लेते हैं और पहली नजर में उसे सच मानकर कार्रवाई शुरू करते हैं। लेकिन जो शिकायत 100 प्रतिशत झूठी पाई जांए या दुर्भावना से की गई हों तो कानून में 182 की कार्रवाई का प्रावधान है।

प्रश्न :  आप गुप्तचर विभाग के चीफ रहें हैं। आप का क्या अनुमान है कि सी.एम. विंडो में किस प्रकार के बदलाव किए जाने जरूरी हैं?
उत्तर :  हम सॉफ्टवेयर में चेंज कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि सी.एम. विंडो में एक ही प्लेटफार्म पर काम हो। इस सॉफ्टवेयर में रेलवे बहुत अच्छा काम कर रहा है। भारतीय रेलवे में दो-ढाई करोड लोग प्रतिदिन  सफर करते हैं। उनका कंप्लेंट रेडिएशल मेकैनिज्म बहुत अच्छा है। मैं अपनी टीम को भी लेकर वहां गया था और उनसे विचार-विमर्श किया। दोनों की सॉफ्टवेयर पर काम करने वाली टीमें अपने विचारों का आदान प्रदान करेंगी। उनकी अच्छी चीजें हम ग्रहण करेंगे और हमारी कुछ चीजें वो भी लेंगे।

प्रश्न :  सी.एम. विंडो पर आने वाली शिकायतों से आपने क्या महसूस किया?
उत्तर :  बड़ी संख्या में शिकायतें पहुंचती हैं। जिसमें बिजली विभाग नंबर वन पर और पुलिस विभाग नंबर दो पर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। बाकी विभाग भी अच्छा काम कर रहे हैं और उनकी जो कमियां हैं उनको सुधारने की हमने सलाह दी है।

प्रश्न :  कोरोना काल में किस तरह की शिकायते अधिकतर आईं और उनका कैसे समाधान किया गया?
उत्तर :  उस समय स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी शिकायतें ज्यादा आई हैं और मैं बधाई देता हूं स्वास्थ्य विभाग को उन्होंने बहुत अच्छा काम किया।

प्रश्न :  नागरिक उड्डयन मंत्रालय में भी मुख्यमंत्री ने आपकी जिम्मेदारी लगाई है। भविष्य में इसमें क्या नया होने जा रहा है?
उत्तर : कल ही मुख्यमंत्री महोदय ने एक बड़े प्रोजेक्ट का पहला फेस पूरा करके दूसरे फेस की शुरुआत की है। जिसमें हिसार में अपने कर कलमों से उन्होंने भूमि पूजन किया है।

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