Edited By Shivam, Updated: 28 Apr, 2020 07:43 PM

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा सरकारी भर्तियों पर एक साल तक रोक लगाने के फैसले की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने कहा कि युवा पिछले काफी समय से लगातार पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी की मार झेल...
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा सरकारी भर्तियों पर एक साल तक रोक लगाने के फैसले की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने कहा कि युवा पिछले काफी समय से लगातार पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी की मार झेल रहा है। कोरोना की मार पडऩे से पहले ही प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा 28 फीसदी की उच्च दर तक पहुंच चुका था। कोरोना के बाद ये आंकड़ा और बढऩे की आशंका है। ऐसे में अगर सरकारी भर्तियां भी बंद हो गई, तो प्रदेश के युवा को रोजगार कैसे मिलेगा?
भर्तियां नहीं तो एचएससी और एचपीएससी चेयरमैन को सैलरी क्यों
नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि मौजूदा मुश्किल हालातों से उबरने के लिए युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने की जरूरत है। लेकिन, सरकार इसके उलट फैसले ले रही है, जो हैरान करने वाले हैं। ऐसा फैसला लेने से पहले सरकार को सोचना चाहिए कि जो युवा भर्ती के इंतजार में कई महीनों से तैयारी कर रहे हैं। यदि साल भर तक कोई काम ही नहीं करना है तो इस दौरान एचएसएससी और एचपीएससी के चेयरमैन और मेंबर्स को किसी तरह का वेतन या भत्ते देने का भी कोई औचित्य नहीं है।
कर्मचारियों के वेतन व भत्तों में कटौती पर साधा निशाना
हुड्डा ने कहा कि कोरोना के मुश्किल दौर में सरकार के विभिन्न विभागों से जुड़े कर्मचारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। उनके वेतन और भत्तों में कटौती के बावजूद वो अपना फर्ज निभा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वो कर्मचारियों का हौसला बढ़ाए और विभिन्न सरकारी महकमों में बढ़ते जा रहे बैकलॉग को जल्दी से जल्दी भरे। जिन भर्तियों की प्रक्रिया जारी है, उन्हें जल्दी पूरा करे।