Edited By Shivam, Updated: 25 Jan, 2020 04:57 PM
चर्चाओं में रहने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका ने इस बार सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीएमओ में तैनात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह को खेल विभाग का प्रधान सचिव बनाए जाने को गैरकानूनी बताते हुए खेमका ने...
चंडीगढ़ (धरणी): चर्चाओं में रहने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका ने इस बार सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीएमओ में तैनात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह को खेल विभाग का प्रधान सचिव बनाए जाने को गैरकानूनी बताते हुए खेमका ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है। इस नियुक्ति को संविधान के आर्टिकल 14 और 16 का उल्लंघन करार देते हुए उन्होंने कहा कि आईएएस कॉडर की पोस्ट पर किसी भी सूरत में आईपीएस अधिकारी को नहीं लगाया जा सकता, यह एक तरह से बैकडोर एंट्री है।
भीतर ही भीतर प्रदेश की आईएएस लॉबी में भी इस नियुक्ति को लेकर नाराजगी है। प्रदेश में यह अपनी तरह का पहला मामला है, जब प्रधान सचिव के पद पर किसी आईपीएस की नियुक्ति हुई है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखे पत्र में खेमका ने कहा कि प्रधान सचिव पद पर आईपीएस की नियुक्ति आईएएस कॉडर के लिए बने रूल्स 8 (1) और 7 का भी उल्लंघन है। कॉडर पोस्ट को एक आईएएस से ही भरा जा सकता है।
ओपी सिंह हरियाणा पुलिस में एडीजीपी रैंक के आईपीएस अधिकारी हैं। सरकार ने उन्हें सीएमओ में ओएसडी लगाया हुआ है। तीन दिन पहले ही उन्हें खेल एवं युवा मामले विभाग के प्रधान सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
खेमका ने कहा कि हरियाणा में प्रधान सचिव के कुल 12 स्वीकृत पद हैं, जबकि प्रदेश में इस रैंक के आईएएस अधिकारियों की संख्या 16 है। ऐसे में सरकार यह तर्क भी नहीं दे सकती कि आईएएस की कमी के चलते किसी आईपीएस को विभाग का जिम्मा सौंपा गया है। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के प्रधान सचिव खेमका ने कहा कि प्रधान सचिव रैंक के आईएएस अधिकारियों को निचले पदों पर लगाया जा रहा है जो गलत है।
सीएम से नियुक्ति रद करने की मांग
खेमका ने अपने डीओ में मुख्यमंत्री कार्यालय की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री से प्रधान सचिव पद पर आईपीएस की नियुक्ति रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सीएमओ के अधिकारी अगर आईएएस और आईपीएस की नियुक्ति एवं स्थानांतरण में सिविल सर्विस बोर्ड की जगह खुद के अधिकारों को इस्तेमाल करते हैं तो यह गैर कानूनी है। उन्होंने नियमानुसार बोर्ड की सिफारिशों में बदलाव करने की गुजारिश की है।
करनाल के डीसी को निगम आयुक्त का भी जिम्मा
करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव को करनाल नगर निगम के आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। हरियाणा अनुसूचित जाति, वित्त एवं विकास निगम की प्रबंध निदेशक और पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कल्याण निगम की प्रबंध निदेशक आमना तसनीम को वित्त विभाग के अतिरिक्त सचिव का अतिरिक्त कार्यभार मिला है।