बीएसएनएल के सैकड़ों फोन-इंटरनेट बंद होने से लोग दुखी, अधिकारी समय पर ले रहे सुविधाएं

Edited By Shivam, Updated: 14 Sep, 2020 03:46 PM

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समाजसेवी महेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा है कि स्थानीय सेक्टर-19 में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के टेलीफोन और ब्राडबैंड लगभग डेढ़ से दो महीने से बंद है। सेक्टर में हरियाणा सीआईटी विभाग का मुख्यालय भी है, वहां भी विभाग के फोन और इंटरनेट बंद है।...

चंडीगढ़ (धरणी): समाजसेवी महेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा है कि स्थानीय सेक्टर-19 में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के टेलीफोन और ब्राडबैंड लगभग डेढ़ से दो महीने से बंद है। सेक्टर में हरियाणा सीआईटी विभाग का मुख्यालय भी है, वहां भी विभाग के फोन और इंटरनेट बंद है। सैकड़ों शिकायतें विभाग के पास हैं लेकिन अभी तक ठीक करने की जहमत नहीं उठाई गई है। तंग आकर उपभोक्ताओं ने कनेक्शन कटा निजी कंपनियों की सेवाएं ले ली हैं। अगर विभाग का यही रवैया रहा तो बाकी लोग भी बीएसएनएल से किनारा कर लेंगे। सरकार को राजस्व नुकसान के अलावा उसकी छवि भी खराब हुई है। इसके लिए अधिकारी जिम्मेवार हैं, लेकिन उन्हें कोई चिंता नहीं क्योंकि उन्हें वेतन और अन्य सुविधाएं समय पर मिल रही है।

राठौड़ ने कहा कि अधिकारी चाहते हैं कि कम कम उपभोक्ता रहें ताकि उनके आराम में कोई खलल न पड़े। कहने को पंद्रह दिन से छिटपुट काम चला रखा है पर बिना मशीन के अंदाज से काम हो रहा है, नतीजतन उन्हें खराबी कहां है पता नहीं चल रहा। सैकड़ों लोग परेशान है। छह फुट का गड्ढा खोदकर जमीनी तारों की खराबी दूर करने के लिए छह से ज्यादा लोगों की जरूरत है ताकि जल्द काम हो जो विभाग के दिशा निर्देश भी हैं। पर यहां दो आदमी ही होते हैं, इनमें एक मजदूर और दूसरा ठीक करने वाला। ये ठेकेदार के लोग होते हैं। यह काम विभाग ठेके से कराता है।

राठौड़ ने कहा कि अधिकारी बेपरवाही या जान बूझकर विभाग को नुकसान और ठेकेदार को फायदा और उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं। इसमें उनका फायदा है इसलिए महीने तक तो शिकायतों का नोटिस ही नहीं लिया गया। दिशा निर्देश के मुताबिक कोई भी खराबी सात दिन के अंदर-अंदर ठीक होनी चाहिए अन्यथा कार्रवाई का प्रावधान है पर यहां किसी से कोई जवाबतलबी नहीं हो रही। किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। औद्योगिक क्षेत्र-एक में तो महीनों से ऐसी हालत है। ज्यादातर ने निजी कंपनियों की सेवाएं ले ली हैं क्योंकि बीएसएनएल का बेड़ा गर्क करने के लिए अधिकारियों ने अपरोक्ष तौर पर सुपारी ले ली है।

राठौड़ ने कहा कि पंचकूला मुख्यालय में लाइनमैन या अन्य कर्मचारी अधिकारियों से मिलने को कहते हैं क्योंकि वे खराबी की रिपोर्ट उन्हें दे चुके हैं। अधिकारी उपभोक्ता को जल्द ठीक होने का भरोसा देते हैं पर करते कुछ नहीं है। शिकायत उनके पास है, टेलीफोन नंबर समेत पूरी जानकारी है फिर भी कागज पर नंबर नोट करने का ड्रामा करते हैं ताकि उपभोक्ता को भरोसा हो जाए। यह सब दिखावा है, उपभोक्ता थक हारकर चुप ही बैठ जाता है। सरकार को चाहिए कि पंचकूला मुख्यालय को दुरुस्त करे और यहां ऐसे लोगों की तैनाती करे जिन्हें फील्ड की पूरी जानकारी हो।

राठौड़ ने कहा कि मौजूदा ऐसे नकारा अफसर उपभोक्ताओं की कसौटी पर खरे नहीं है लिहाजा इन पर विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए। महीनों से इंटरनेट नहीं चल रहा इसलिए वर्क टू होम के चलते कई उपभोक्ताओं की नौकरी खतरे में है। इस बाबत जल्द ही केंद्रीय दूर संचार मंत्री को पूरे प्रकरण से अवगत कराया जाएगा।

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