Edited By Isha, Updated: 28 May, 2025 11:17 AM

दुनिया के कई देशों की तरह भारत में भी कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। फिलहाल देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 1000 के पार जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार
डेस्क: दुनिया के कई देशों की तरह भारत में भी कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। फिलहाल देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 1000 के पार जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान 24 मरीज ठीक भी हुए हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने लोगों को सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। ऐसी स्थिति में लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना वैक्सीन और बूस्टर डोज का असर अभी भी शरीर में है और ये कब तक रहेगा।
देश में कोरोना के सबसे ज्यादा केस केरल में (430) पाए गए हैं जबकि महाराष्ट्र में 209 मामले और दिल्ली में अभी तक 104 एक्टिव केस पाए गए हैं। ये मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। देश में अभी जो कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं उनमें कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब-वेरिएंट शामिल हैं। इनमें JN.1 और LF.7 प्रमुख हैं जिसमें ज्यादातर मामले JN.1 के हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि लोग घबराएं नहीं (पैनिक न हों) क्योंकि ये सब-वेरिएंट इतने खतरनाक नहीं हैं। साथ ही उन्होंने अफवाहों से बचने और अपनी सुरक्षा बनाए रखने के लिए सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
क्या खत्म हो गया है कोरोना वैक्सीन और बूस्टर डोज का असर?
भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन और बूस्टर डोज फिर से चर्चा में आ गए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए अभी न तो कोरोना वैक्सीन और न ही बूस्टर डोज की तुरंत जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वैक्सीन जीवनभर वायरस से इम्यूनिटी का दावा नहीं करती है।
कुछ सालों में इसका असर कम होने लगता है। शरीर में बनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को दोबारा मजबूत करने के लिए बूस्टर डोज लगवाना बहुत जरूरी है जिससे आपका शरीर कोरोना से लड़ने के लिए तैयार रहे और आपको बीमारी के खिलाफ बेहतर सुरक्षा मिल सके। भारत में जो वैक्सीन और बूस्टर डोज लग चुकी है वह इन नए वेरिएंट से लड़ने के लिए काफी उपयोगी साबित होगी। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार वैक्सीनेटेड लोगों को भी हल्के रूप से संक्रमण हो सकता है क्योंकि पिछली वैक्सीनेशन से मिली इम्यूनिटी समय के साथ कम हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुजुर्गों को बूस्टर डोज लेने की सलाह दी है ताकि वे अधिक सुरक्षित रह सकें।