हरियाणा पुलिस सुनेगी Lovers के दिल की बात ! ‘प्रेमी जोड़ेॆ’ अब हो जाए Tension Free

Edited By Isha, Updated: 20 Feb, 2025 08:06 AM

haryana police will listen to the hearts of lovers

हरियाणा के ‘प्रेमी जोड़ों’ की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। घर से भागने वाले जोड़ों (कपल) की शिकायत पर पुलिस को बिना देरी के कार्रवाई करनी होगी। ऐसे जोड़ों की ‘जान’ और ‘आजादी’ सुनिश्चित करने के लि

चंडीगढ़: हरियाणा के ‘प्रेमी जोड़ों’ की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। घर से भागने वाले जोड़ों (कपल) की शिकायत पर पुलिस को बिना देरी के कार्रवाई करनी होगी। ऐसे जोड़ों की ‘जान’ और ‘आजादी’ सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा के गृह विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के बाद पुलिस द्वारा एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) जारी की गई थी। लेकिन इसमें कुछ खामियां थी। इन्हें दुरुस्त करते हुए होम सेक्रेटरी डॉ़ सुमिता मिश्रा ने नये सिरे से नोटिफिकेशन जारी किया है। |


होम सेक्रेटरी ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि हर जिला पुलिस कार्यालय में सातों दिन और 24 घंटे काम करने वाले हेल्प डेस्क स्थापित करने होंगे। जीवन और आजादी का खतरा होने के मामले में हेल्प डेस्क तुरंत एक्शन लेंगे। इसका पूरा डिजिटल रिकार्ड मेनटेन करना होगा। डीजीपी, एडीजीपी/आईजी, पुलिस आयुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को भी ये नोटिफिकेशन भेजा है ताकि इसे लागू करना सुनिश्चित किया जा सके।



महत्वपूर्ण बात यह है कि ये आदेश केवल शादीशुदा जोड़ों पर ही नहीं बल्कि उन पर भी लागू होंगे, जो घर से तो भागे हुए हैं लेकिन अभी तक शादी नहीं की है। इतना ही नहीं, प्रेमी जोड़े के बिछुड़ जाने पर अगर किसी एक ने भी अपनी जान का खतरा बताते हुए पुलिस में शिकायत की तो उसकी भी सुनवाई करनी होगी। नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि थानों में इस तरह के मामलों की सुनवाई कम से कम एएसआई रैंक के अधिकारी द्वारा की जाएगी।



इसके लिए संबंधित थाना इंचार्ज द्वारा एक एएसआई की इसके लिए नियुक्ति की जाएगी। एएसआई को इस तरह की शिकायत आने पर तुरंत एक्शन लेते हुए संबंधित जिले के नोडल अधिकारी को भी सूचित करना होगा। आदेशों में स्पष्ट किया है कि जिला पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले में एसीपी (महिला सुरक्षा) डीएसपी (महिला सुरक्षा) को नोडल अधिकारी नामित करना होगा। अगर किसी जिले में एसीपी/डीएसपी (महिला सुरक्षा) नहीं है तो इसके लिए संबंधित पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षक को किसी अधिकारी को नामित करना होगा।


थाने में एएसआई के पास शिकायत आने के बाद उसे दोनों पक्षों (लड़का व लड़की) की बात सुननी होगी। इन दोनों को यानी लड़के और लड़की को भी अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलेगा। आमतौर पर प्रेमी जोड़ों द्वारा ही घर से भागकर शादी की जाती है। दोनों के परिवार के सदस्य भी सुनवाई के दौरान रहेंगे। ऐसे में प्रेमी जोड़ा अपने प्यार का इजहार पुलिस और परिवारवालों के सामने भी कर सकेगा। इसके बाद एएसआई को फैसला देना होगा। इतना ही नहीं, जब तक फैसला नहीं हो जाता तब तक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। एएसआई के फैसले से अंसतुष्ट होने पर संबंधित पक्ष पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षक के पास अपील कर सकेंगे। उन्हें तीन दिन के अंदर इस तरह के मामलों की सुनवाई करके निपटारा  करना होगा।

 

 

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