हरसिमरत का इस्तीफा जजपा के लिए बना धर्म संकट, सुरजेवाला ने दुष्यंत पर कसा तंज- 'पद प्यारा है...'

Edited By Shivam, Updated: 17 Sep, 2020 10:05 PM

harsimrat s resignation became a religious crisis for jjp

केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग मंत्री हरसिमरत बादल का इस्तीफा हरियाणा में जजपा के धर्म संकट बन गया है। किसानों के नाम पर राजनीति करने वाली जजपा के संस्थापक अजय चौटाला के दादा चौधरी देवीलाल की गिनती किसानों, गरीबों , मजदूरों के मसीहा के रूप में होती...

चंडीगढ़ (धरणी): केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग मंत्री हरसिमरत बादल का इस्तीफा हरियाणा में जजपा के धर्म संकट बन गया है। किसानों के नाम पर राजनीति करने वाली जजपा के संस्थापक अजय चौटाला के दादा चौधरी देवीलाल की गिनती किसानों, गरीबों , मजदूरों के मसीहा के रूप में होती है। चौधरी देवीलाल के पद चिन्हों पर चलने वाली जजपा के लिए भी 3 अध्यादेश व किसानों के मुद्दों पर हरसिमरत के इस्तीफे के बाद धर्म संकट गहरा गया है। पंजाब में भी दशकों से अकाली दल-भाजपा गठबंधन में है, मगर वहां के किसानों के भारी विरोध के चलते हरसिमरत को किसानों की नब्ज पहचान यह कदम उठाना पड़ा।

जजपा हमेशा किसानों के साथ: दिग्विजय
हरियाणा में जजपा जो अब भाजपा के गठबंधन में है। क्या किसानों की नब्ज टटोलते हुए हरसिमरत के नक्शे कदम पर चलेगी या अभी सत्ता में बनी रहेगी। यह चर्चा सर्वत्र है। इसी बीच इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने स्पष्ट किया है कि जननायक जनता पार्टी हमेशा किसानों के साथ थी, हमेशा साथ रहेगी और हमारे लिए किसानों के हित हमेशा सर्वोपरी हैं। किसानों पर कोई लाठी चली है तो वह उन किसानों पर नहीं बल्कि जननायक स्वर्गीय चौधरी देवीलाल जी के परिवार पर चली है।



दिग्विजय ने कांग्रेस को दी चुनौती
दिग्विजय ने कहा कि लाठी खाने वाले किसानों से जजपा माफी मांगती है। उन्होंने कहा कि हमारा जन्म भी किसान परिवार में हुआ और उनकी पीड़ा व समस्याओं को भली-भांती समझते हैं। वहीं दिग्विजय चौटाला ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हुड्डा एंड कंपनी उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को बदनाम करने की साजिशें कर रही है। उन्होंने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि लाठीचार्ज में अगर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कोई रोल है तो वे साबित करके दिखाएं।



सुरजेवाला ने ली चुटकी
वहीं कांग्रेस के सीनियर लीडर रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर चुटकी ली है व कहा है कि दुष्यंत जी, हरसिमरत के इस्तीफे के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफा दे देते। पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं? कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे। जजपा सरकार की पिछलग्गु बन किसान की खेती-रोटी छीनने के जुर्म की भागीदार है।

जजपा विधायक भी उठा चुके हैं किसानों की आवाज
हरियाणा में किसान व ग्रामीण अंचल के ज्यादातर मतदाता जजपा के साथ पिछले 2019 के विधानसभा चुनावों में चलें है। इन लोगों में रोष देखते हुए जजपा के टोहाना से विधायक देवेन्द्र बबली भी आवाज उठा चुके हैं। जजपा अपने वोट बैंक को बांधे रखने व बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाएगी की सभी तरफ चर्चाएं हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला सत्ता में उप मुख्यमंत्री भी है।



गौरतलब है कि स्वर्गीय चौधरी देवीलाल व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पगड़ी बदल भाई के रिश्ते को आज तक बादल व देवीलाल परिवार निभाते आ रहे हैं। जजपा का गठन भी चौधरी देवीलाल की नीतियों के तहत उनके पोते अजय चौटाला ने इनेलो से निष्काषित होने के बाद किया था।

किसानों, मजदूरों के हितों के लिए स्वर्गीय चौधरी देवीलाल द्वारा 23 मार्च 1986 को जींद की धरती से शुरू किए न्याय युद्ध को कौन भूल सकता है। न्याय युद्ध की बदौलत 1987 में हरियाणा की 90 में से 85 सीट लोकदल-भजपा के गठबंधन ने जीती थी, जो आज तक का रिकॉर्ड है। 1987 से लेकर 1991 तक केंद्र की राजनीति में देवीलाल वाकई में भारतीय राजनीति में ताऊ की अपनी भूमिका में नजर आए। इस दौरान देवीलाल ने उत्तर भारत की राजनीति पर अकेले जितना असर डाला, शायद ही किसी दूसरे नेता ने उतना डाला हो।

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