Edited By Shivam, Updated: 09 Jan, 2019 05:17 PM

नारायणगढ़ से पूर्व विधायक व संसदीय सचिव रामकिशन गुज्जर ने माननीय पंजाब व हरियाणा में याचिका लगाकर मांग की थी कि उनकी सजा पर रोक लगाकर उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव लडऩे की अनुमति दी जाए, जिस पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना जवाब...
चंडीगढ़ (धरणी): नारायणगढ़ से पूर्व विधायक व संसदीय सचिव रामकिशन गुज्जर ने माननीय पंजाब व हरियाणा में याचिका लगाकर मांग की थी कि उनकी सजा पर रोक लगाकर उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव लडऩे की अनुमति दी जाए, जिस पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि रामकिशन गुज्जर को अंबाला कोर्ट से पत्रकार पंकज खन्ना को हत्या के लिए उकसाने के मामले में चार साल की सजा हो रखी है, जिसकी अपील अभी हाई कोर्ट में लम्बित है और गुज्जर जमानत पर हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी।

सरकार ने दाखिल जवाब में कानून का हवाला देते हुए कहा कि गुज्जर को चुनाव लडऩे की अनुमति नहीं मिल सकती, क्योंकि रामकिशन गुज्जर ने बतौर विधायक अपने पद का दुरुपयोग किया और उनके खिलाफ खबर छापने वाले पत्रकार को इस कदर परेशान और प्रताडि़त किया कि उसको आत्महत्या करनी पड़ी। जवाब में कहा गया कि मृतक पंकज खन्ना के सुसाइड नोट में गुज्जर का नाम है और उनके खिलाफ तमाम गवाही से कोर्ट में आरोप साबित हो चुके हैं। रामकिशन का आचरण बतौर विधायक ठीक नहीं रहा और उन्हें अनुमति नहीं मिल सकती।

भारतीय जनप्रतिनिधि कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार, दो साल से ऊपर सजा प्राप्त कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता, चूकी रामकिशन को चार साल की सजा हो रखी है और वो जमानत पर है तो उनकी लिए चुनाव लडऩे में बाधा उत्पन्न होगी। हालांकि कुछ दिन पहले राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा राम किशन को सम्भावित उम्मीदवार घोषित कर चुकी हैं।