हिसार में गणेश वाल्मीकि की हत्या का मामला: सरकार ने मानी मांगें, आज होगा अंतिम संस्कार

Edited By Manisha rana, Updated: 18 Jul, 2025 07:43 AM

ganesh valmiki murder case in hisar

हिसार के दलित युवक गणेश की हत्या का मामले में परिजनों की सभी मांगे मुख्यमंत्री की तरफ से स्वीकार कर ली गई हैं।

चंडीगढ़ : हिसार के दलित युवक गणेश की हत्या का मामले में परिजनों की सभी मांगे मुख्यमंत्री की तरफ से स्वीकार कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी की तरफ से परिवार न्याय देने की बात कही गई है। इस बारे में कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने जानकारी दी है। वीरवार को मृतक युवक गणेश के पिता समेत कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की। यह मुलाकात कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी की मौजूदगी में हुई। इस दौरान बवानी खेड़ा के विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि भी मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ हुई बातचीत के बाद परिवार संतुष्ट हो गया है।

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मुख्यमंत्री से बातचीत में कमेटी की 5 मांगे मान ली गई हैं। इस मामले में कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने जानकारी दी कि परिवार और कमेटी की मांग पर इस मामले में एफ. आई. आर. दर्ज करने का फैसला हुआ है। पीड़ित परिवार की मांग पर पोस्टमार्टम के लिए बोर्ड के गठन की मांग को मंजूरी दे दी गई है। वहीं कृष्ण बेदी ने बताया कि परिवार के एक सदस्य को किसी तरह के रोजगार देने की मांग पर भी सहमति बन गई है। मंत्री बेदी ने कहा कि गणेश का आज सम्मान के साथ अंतिम संस्कार सुबह 10 बजे हिसार में किया जाएगा। मंत्री बेदी ने कहा कि कांग्रेस मामले में राजनीति कर रही है, जबकि उनकी सरकार में मिर्चपुर और गोहाना बहुत बड़े कांड हुए थे, वह उन्हें याद नहीं हैं। इस मामले में गणेश के पिता विक्रम और चाचा ने दिनेश ने कहा कि मुख्यमंत्री से मांग के बाद सहमती बन गई है। गणेश का अंतिम संस्कार कल सुबह 10 बजे हिसार में किया जाएगा। बता दें हिसार के 12 क्वार्टर क्षेत्र में 7 जुलाई को दलित समाज के युवक गणेश की छत से गिरने से मौत हो गई थी। परिवार के सदस्य पुलिस पर उसको मारने का आरोप लगाकर सिविल अस्पताल में लगातार धरना दिए हुए  थे। 

वहीं बीते दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शहर के युवक की मौत के मामले में ट्वीट किया कि नाबालिग गणेश वाल्मीकि की हत्या और उसके परिवार के साथ हुई बर्बरता सिर्फ एक अपराध नहीं है-यह भाजपा-आर. एस. एस. की मनुवादी सिस्टम का वह घिनौना चेहरा जो आज भारत में बहुजनों के जीवन को सस्ता समझता है। जो उन्हें समानता और सम्मान का हकदार नहीं मानता। परिजनों का आरोप है कि गणेश की हत्या पुलिस ने की लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब परिवार न्याय मांगने गया तो उल्टा उन्हीं को प्रताड़ित किया गया। यह कोई इकलौती घटना नहीं है। पिछले 11 सालों में दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामले बेलगाम बढ़ गए हैं। ऐसा क्यों? क्योंकि सत्ता में बैठी भाजपा ने भेदभाव का नकाब पहनी हिंसा को खुली छूट दे दी है। मोदी सरकार ने न सिर्फ इन अत्याचारों पर चुप्पी साध ली बल्कि संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करके, पुलिस और प्रशासन को ऐसे अपराधों का हथियार और अपराधियों की ढाल बना दिया है। मोदी के दौर में दलित, गरीब, वंचित होना जैसे अपराध बन गया है। 

राहुल ने ट्वीट किया कि गणेश वाल्मीकि की मौत सिर्फ एक इंसान की नहीं-संविधान की हत्या है, बाबा साहब के सपनों की हत्या है। मैं पीड़ित परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ा हूं। यह सिर्फ एक परिवार के इंसाफ की लड़ाई नहीं यह सामाजिक न्याय और भारत की आत्मा की लड़ाई है। दोषियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई हो यही न्यूनतम न्याय है। वहीं पंजाब के पूर्व सी.एम. एवं कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने वीरवार दोपहर बाद धरनास्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि दलित वर्ग गरीब जरूर है, मगर कमजोर नहीं है। दलितों को न्याय मिलने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम चुप नहीं बैठेंगे। जिन पुलिस वालों ने बच्चे को मारा है उन्हें गिरफ्तार किया जाए। मामले की सी.बी.आई. जांच होनी चाहिए और हम मामला संसद में उठाएंगे। उधर दिल्ली के आप विधायक कुलदीप सिंह भी धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में अपराध चरम सीमा पर है। इसे रोका जाना चाहिए। हम दिवंगत के परिवार को न्याय दिलाकर रहेंगे। आप नेता राजेन्द्र सोरखी और अन्य ने भी धरने को समर्थन दिया।

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