Edited By Manisha rana, Updated: 08 Oct, 2024 06:31 PM
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना का कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है। मतगणना में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिल गया है। 48 सीटों पर उसके प्रत्याशी जीत चुके हैं या आगे चल रहे हैं।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना का कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है। मतगणना में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिल गया है। 48 सीटों पर उसके प्रत्याशी जीत चुके हैं या आगे चल रहे हैं। कांग्रेस का आंकड़ा 37 पर है। बीजेपी के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कांग्रेस के नेता भूपेंद्र हुड्डा और विनेश फोगाट चुनाव जीत गए हैं। पिछली बार किंग मेकर रहे जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला चुनाव हार चुके हैं। वह पांचवें नंबर पर रहे है। उनकी पार्टी का भी कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका।
चुनाव नतीजों में दिखा उलटफेर
शुरुआती रुझानों में सुबह 8 बजे से कांग्रेस एक तरफा जीत की ओर थी। पार्टी ने 65 सीटों को छू लिया था। बीजेपी कम होकर 17 सीटों पर आ गई थी। फिर सब पलट गया और एक समय ऐसा आ गया जब दोनों पार्टी 43-43 सीटों पर आ गईं। इसके बाद 12 बजे भाजपा 51 सीटों तक पहुंच गई।
बीजेपी के मुसलमान प्रत्याशी
इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा कदम उठाते हुए दो मुस्लिम प्रत्याशियों को भी मैदान में उतारा था। बीजेपी ने एजाज खान को नूंह जिले की पुनहाना सीट से चुनावी रण में उतारा था। एजाज खान को महज 5072 वोट मिले। वह 80228 वोटों से चुनाव हार गए। एजाज तीसरे नंबर पर रहे हैं। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद इलियास चुनाव जीते हैं। उन्हें 85300 वोट मिले। उन्होंने 31916 वोटों से निर्दलीय उम्मीदवार रहीश खान को हराया, रहीश दूसरे स्थान पर रहे। बीजेपी ने नूंह जिले की फिरोजपुर झिरका सीट से भी मुस्लिम उम्मीदवार को ही मैदान में उतारा था। इनका नाम है नसीम अहमद। नतीजे देखें तो नसीम अहमद को कुल 32056 वोट मिले और उन्हें 98441 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। फिरोजपुर झिरका सीट से कांग्रेस के मामन खान चुनाव जीते हैं, उन्हें कुल 130497 वोट मिले।
इस एक दांव ने बीजेपी को जितवा दिया चुनाव!
बीजेपी ने ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से 7 महीने पहले अचानक तत्कालीन सीएम मनोहर लाल को पद से हटा दिया। मनोहर लाल के नेतृत्व में बीजेपी ने 2019 में भी चुनाव लड़ा था। उस समय बीजेपी को बहुमत नहीं मिला था और उसे जेजेपी के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी थी। 2024 के इस चुनाव में बीजेपी कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती थी। इसलिए चुनाव से पहले मनोहर लाल को हटाकर उनके स्थान पर नायब सिंह सैनी को राज्य की कमान सौंपी गई। नतीजों से साफ होता है कि नायब सिंह सैनी पर जनता ने भरोसा जताया है।
ये फॉर्मूला और जगह भी हिट हुआ
विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अचानक मुख्यमंत्री बदलना और नए चेहरे के साथ जनता के बीच उतरने का फॉर्मूला बीजेपी के लिए नया नहीं है। इससे पहले भी बीजेपी इस फॉर्मूले को कई राज्यों में अपना चुकी थी। वहां भी यह सफल रहा है। बीजेपी ने यही प्रयोग उत्तराखंड, त्रिपुरा और गुजरात में भी किया था, वहां पार्टी जीती थी।
कांग्रेस की 70 सभाओं पर बीजेपी की 150 भारी
बीजेपी ने हरियाणा में करीब 150 रैलियां कीं। इनमें से 4 रैलियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और 10 रैलियां गृहमंत्री अमित शाह ने की। मोदी ने रैली कर करीब 20 सीटों को कवर किया। योगी आदित्यनाथ ने आधा दर्जन से ज्यादा सभाएं कीं। कांग्रेस की बात करें तो पार्टी ने केवल 70 सभाएं कीं। इनमें से 4 रैलियां और 2 रोड शो राहुल गांधी ने किए, जबकि प्रियंका गांधी ने 2 सभाएं और राहुल के साथ एक रोड शो किया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2 रैलियां कीं।
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