Edited By Deepak Kumar, Updated: 18 Jun, 2025 05:53 PM

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कुरुक्षेत्र के चौकों और प्रवेश द्वारों को महाभारत की थीम पर आधारित बनाया जाएगा। इसके अंतर्गत ज्योतिसर मार्ग पर स्थित सुदर्शन चक्र को पुनर्निर्मित किया जाएगा, जिसमें लाइटिंग के साथ...
डेस्कः कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की 82वीं बैठक बुधवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी मौजूद रहे। बैठक में कुरुक्षेत्र शहर के विकास संबंधी कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों पर विस्तार से चर्चा हुई।
विश्व स्तर पर कुरुक्षेत्र की वैश्विक पहचान दिलाना हैः मुख्यमंत्री
सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक महसूस कर सकें कि वे महाभारत के पवित्र इतिहास से जुड़ी भूमि पर आए हैं।
महाभारत थीम के अनुसार शहर के चौक व प्रवेश द्वार सजेगे
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कुरुक्षेत्र के चौकों और प्रवेश द्वारों को महाभारत की थीम पर आधारित बनाया जाएगा। इसके अंतर्गत ज्योतिसर मार्ग पर स्थित सुदर्शन चक्र को पुनर्निर्मित किया जाएगा, जिसमें लाइटिंग के साथ भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।
ब्रह्मसरोवर प्रवेश द्वार के नामकरण और ग्रीनरी की व्यवस्था
बैठक में ब्रह्मसरोवर के प्रवेश द्वार के नामकरण पर चर्चा हुई। साथ ही ज्योतिसर तीर्थ परिसर के आस-पास हरियाली बढ़ाने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए गए। पूरे शहर में पेंटिंग्स और रेलवे ब्रिज के पास श्लोक लिखवाने के भी प्रस्ताव सामने आए।
'कुरुक्षेत्र में इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी'
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने निर्णय लिया कि शहर में इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी, जो 48 कोस के क्षेत्र में स्थित प्रमुख तीर्थस्थलों को जोड़ेंगी। बसों में रूट मैप लगाए जाएंगे और डेली पास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे तीर्थ यात्रियों को यात्रा में सुविधा हो।
ऐतिहासिक स्थलों पर जानकारी बोर्ड लगाना अनिवार्य: सैनी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी ऐतिहासिक स्थलों के पास जानकारी बोर्ड लगवाने के निर्देश दिए हैं, जिनमें उस स्थान का इतिहास विस्तृत रूप में दर्शाया जाएगा। उदाहरण स्वरूप, बाण गंगा की प्रतिमा के पास उसके इतिहास का उल्लेख होगा। इसी तरह भीष्म कुंड सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों को चिन्हित कर उनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
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