Edited By Yakeen Kumar, Updated: 19 Nov, 2024 09:32 PM
रेवाड़ी स्तिथ जिला सचिवालय की कार्यशैली पर बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि जिला सचिवालय में आगजनी जैसी घटनाओं से निपटने के लिए लगभग दो दर्जन से अधिक फायर सिलेंडर्स तो लगाए गए हैं लेकिन..
रेवाड़ी (महेंद्र भारती) : हरियाणा में एक कहावत है "दिऐ तले अंधेरा", जो कि रेवाड़ी स्तिथ जिला सचिवालय की कार्यशैली पर बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि जिला सचिवालय में आगजनी जैसी घटनाओं से निपटने के लिए लगभग दो दर्जन से अधिक फायर सिलेंडर्स तो लगाए गए हैं लेकिन उन सभी की एक्सपायरी डेट डेढ़ से दो वर्ष पहले खत्म हो चुकी है। लेकिन प्रशासन द्वारा उन्हें रीफिल करवाने की कोई कोशिश तक नहीं की।
इसी तरहं यहां आग बुझाने के लिए फायर बकेट्स (लोहे की बाल्टियां) तो लगाई गई हैं लेकिन अधिकांश में पानी और मिट्टी ही नहीं।
बता दें कि जिला सचिवालय में सौ से अधिक कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी काम करते हैं। सरकारी काम के लिए यहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग आते हैं, जो कि बिना किसी सुरक्षा के काफी खतरनाक है। अगर किसी दिन कोई अनहोनी हो गई तो क्या लोगों की समस्याऐं सुनने वाला सचिवालय क्या खुद सुरक्षित है। ये एक बड़ा सवाल है।
क्या कहना है डीसी साहब का
जिला उपायुक्त अभिषेक मीणा से बात की तो उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से मामला आज ही संज्ञान में आया है। जिसपर त्वरित कार्यवाही करते हुए उन्होंने अग्निशमन विभाग को एक सप्ताह के अंदर अंदर सभी फ़ायर सिलेंडर्स को रिफिल करने के निर्देश जारी कर दिए। उन्होंने कहा कि आज ही सभी विभागों को फायर सेफ्टी सयंत्रों को दुरुस्त रखने के लिये पत्र लिखकर दिशा निर्देश दिए जाएंगे। वह भी अपने अपने विभागों में फायर सेफ्टी सयंत्रों को जल्द दुरुस्त करवा लें। यदि नियमो और आदेशो की उलंघना हुई तो फायर सेफ्टी NOC रद्द कर नियमानुसार जुर्माना लगाया जाएगा।
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