'...आखिर हरियाणा सरकार को समझ आया ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में अंतर'

Edited By Shivam, Updated: 25 Jan, 2021 05:00 PM

finally haryana government understood difference

हरियाणा सरकार को ध्वजारोहण और राष्ट्रीय ध्वज फहराने में अंतर स्पष्ट हो गया है। इसका प्रमाण है गत 22 जनवरी और 23 जनवरी को प्रदेश के मुख्य सचिव के अधीन राजनैतिक और संसदीय कार्य विभाग द्वारा जारी दो ताजा शासकीय पत्रों के विषय में गणतंत्र दिवस के अवसर...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार को ध्वजारोहण और राष्ट्रीय ध्वज फहराने में अंतर स्पष्ट हो गया है। इसका प्रमाण है गत 22 जनवरी और 23 जनवरी को प्रदेश के मुख्य सचिव के अधीन राजनैतिक और संसदीय कार्य विभाग द्वारा जारी दो ताजा शासकीय पत्रों के विषय में गणतंत्र दिवस के अवसर पर अब राष्ट्रीय ध्वज फहराने का उल्लेख किया गया है। इससे पूर्व 8 जनवरी को इसी सम्बन्ध में जारी मूल पत्र और उसमें प्रथम संशोधन करने पर 12 जनवरी को जारी पत्र दोनों में हालांकि ध्वजारोहण का उल्लेख किया  गया था। इतना ही नहीं बीते कई वर्षों से हर वर्ष गणतंत्र दिवस पर जारी सरकारी पत्रों में ध्वजारोहण करने बारे ही लिखा जाता रहा है। 

इसी माह 9 जनवरी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आदि को अलग-अलग ईमेल याचिकाएं भेजकर 8 जनवरी को इस वर्ष गणतंत्र दिवस मनाने संबधी राज्य सरकार द्वारा जारी पत्र में ध्वजारोहण शब्द का उल्लेख होने पर अत्यंत हैरानी और खेद जताते हुए लिखा कि उपरोक्त पत्र को पढ़कर ऐसा प्रतीत होता है कि इसे जारी करने वालों को ध्वजारोहण और राष्ट्रीय ध्वज फहराने में अंतर की जानकारी ही नहीं है। 

8 जनवरी के पत्र के विषय में गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण करने जबकि राज्यपाल द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का उल्लेख था। वहीं मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों आदि द्वारा हालांकि ध्वजारोहण करने संबंधी लिखा गया। हेमंत ने दोनों में अंतर समझाते हुए लिखा   कि 15 अगस्त 1947 के दिन देश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी एवं उस दिन ब्रिटिश झंडे (यूनियन जैक) को नीचे उतारकर भारतीय ध्वज तिरंगे को ऊपर चढ़ा फहराया गया। झंडे को नीचे से ऊपर ले जाकर फहराने की इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण कहते हैं, इसलिए 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है। वहीं 26 जनवरी 1950 से  हमारा संविधान लागू हुआ था, इसलिए उस दिन पहले से ऊपर बंधे झंडे को केवल फहराया जाता है। इस प्रकार दोनों में अंतर होता है।

बहरहाल, प्रदेश सरकार द्वारा 23 जनवरी को जारी संशोधित पत्र अनुसार अब प्रदेश के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी निवास अर्थात हरियाणा राज भवन में ही राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे जबकि इससे पूर्व 8 जनवरी को राज्यपाल द्वारा पंचकूला जिला मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया था।

हेमंत ने आगे बताया कि वर्ष 1974 से पहले हर वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी अर्थात दोनों राष्ट्रीय दिनों के उपलक्ष्य पर देश के सभी राज्यों में आयोजित होने वाले सरकारी समारोहों में केवल प्रदेश के राज्यपाल ही ध्वजारोहण करते थे एवं राष्ट्रीय ध्वज फहराते थे। तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करूणानिधि ने फरवरी, 1974 में  भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर मांग की थी कि जिस प्रकार देश के प्रधानमंत्री हर वर्ष 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं, वैसे ही प्रदेशों के मुख्यमंत्री को भी अपने अपने प्रदेशों में ऐसा करने की अनुमति मिलनी चाहिए, जिसके बाद भारत सरकार ने एक आदेश/पत्र जारी किया कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को प्रदेशों में राज्यपाल राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे जबकि 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर राज्यों के मुख्यमंत्री ध्वजारोहण करेंगे।

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