Edited By Isha, Updated: 05 Jul, 2025 08:09 AM

केंद्र सरकार ने सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को लेकर पंजाब व हरियाणा के बीच चल रहे पुराने विवाद को सुलझाने के लिए 9 जुलाई को बैठक बुलाई है। पंजाब इस बैठक में मजबूती से अपना पक्ष रखने की
चंडीगढ़: केंद्र सरकार ने सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को लेकर पंजाब व हरियाणा के बीच चल रहे पुराने विवाद को सुलझाने के लिए 9 जुलाई को बैठक बुलाई है। पंजाब इस बैठक में मजबूती से अपना पक्ष रखने की तैयारी कर रहा है। सीएम भगवंत मान पहले ही हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से इनकार कर चुके हैं। अब पंजाब यमुना-सतलुज-लिंक नहर के निर्माण की मांग कर रहा है।
हाल ही में नीति आयोग के साथ बैठक में भी सीएम मान ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंनेे कहा था कि राज्य में पानी की गंभीर स्थिति को देखते हुए सतलुज-यमुना-लिंक नहर के बजाय यमुना-सतलुज-लिंक नहर के निर्माण पर विचार किया जाना चाहिए। मान ने कहा था कि 12 मार्च, 1954 को पुराने पंजाब और उत्तर प्रदेश के बीच एक समझौते में यमुना के पानी से सिंचाई के लिए किसी विशेष क्षेत्र को नहीं दर्शाया गया था।
यह मुद्दा 214 किलोमीटर लंबी एसवाईएल नहर के निर्माण से संबंधित है, जिसमें से 122 किलोमीटर पंजाब में और 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाई जानी थी। मई में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से पंजाब और हरियाणा को मामले को सुलझाने के लिए केंद्र के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने पहले जल शक्ति मंत्री को इस मामले में मुख्य मध्यस्थ नियुक्त किया था और मामले में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए थे।