महिला एडवोकेट ने SHO पर लगाया रेप का आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला

Edited By Isha, Updated: 27 May, 2025 10:44 AM

female advocate accuses sho of rape

क्टर-50 थाना में महिला से व महिला हेड कांस्टेबल से मारपीट करने के बाद महिला एडवोकेट ने अब थाना प्रभारी पर रेप, उत्पीडन व अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है। महिला एडवोकेट की शिकायत पर दिल्ली के सब्जी मंडी थाना पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की है

गुड़गांव: सेक्टर-50 थाना में महिला से व महिला हेड कांस्टेबल से मारपीट करने के बाद महिला एडवोकेट ने अब थाना प्रभारी पर रेप, उत्पीडन व अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है। महिला एडवोकेट की शिकायत पर दिल्ली के सब्जी मंडी थाना पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की है। मामले में निष्पक्ष जांच के लिए एसीपी क्राइम अगेंस्ट वूमेन सुरेंद्र कौर की अगुवाई में एसआईटी गठित की है। सेक्टर-51 स्थित महिला थाने में एक दंपत्ति के बीच दहेज को लेकर मामला चल रहा है।

महिला थाने में दोनों पक्षों की काउसलिंग के बाद थाने के बाहर दोनों पक्षों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। महिला के पति के साथ अधिवक्ता बीती 21 मई को थाने में आई थी। झगड़ा होने पर महिला थाने से सेक्टर-50 थाना पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस दंपत्ति को पुलिस की गाड़ी में बैठाकर लेकर जाने लगे, तो महिला वकील ने भी साथ चलने के लिए कहा। लेकिन पुलिस ने मना कर दिया। कुछ देर बाद महिला अधिवक्ता सेक्टर-50 थाना में पहुंची और मुवक्किल की पत्नी के साथ मारपीट शुरू कर दी। थाना में जब महिला हवलदार बीच बचाव के लिए आई, तो महिला अधिवक्ता ने महिला हवलदार के साथ भी अभद्रता करते हुए मारपीट करनी शुरू कर दी। उसके बाद थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों को देख लेने की धमकी भी दी।

महिला वकील को शांत करवाया गया और उसके खिलाफ महिला हवलदार की शिकायत पर सेक्टर-50 थाने में मामला दर्ज किया गया। उसके बाद महिला वकील को शामिल जांच करने के बाद जमानत पर छोड़ दिया गया। अब महिला एडवोकेट ने दिल्ली के सब्जी मंडी थाने में दी गई शिकायत में बताया कि 22 मई की रात को उसे एक मामले में पूछताछ के बहाने थाने बुलाया गया और फिर रात करीब 3 बजे तक जबरन थाने में बैठाकर रखा गया।
 

इस दौरान थाना प्रभारी ने उसके साथ अभद्रता की और गंभीर यौन उत्पीडन भी किया। एसएचओ ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके साथ शारीरिक और मानसिक रूप से अत्याचार किया। दिल्ली पुलिस द्वारा एसएचओ के खिलाफ दर्ज की गई जीरो एफआईआर के संबंध में गुरुग्राम पुलिस ने अपना पक्ष रखा है। पुलिस की तरफ से बताया गया कि 21 मई को मारपीट और सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में महिला वकील सहित कई अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता पाई गई थी।


मौके पर मौजूद कई अन्य व्यक्तियों को गवाह बनाया गया है। ऐसा लग रहा है कि सेक्टर 50 थाने में पहले से दर्ज एफआईआर से बचाव के लिए जीरो एफआईआर दर्ज करवाई है। मामले में सेक्टर-50 थाना प्रभारी सत्यवान ने महिला वकील द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से मनगढंत और झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में दर्ज केस से बचाव बचाव के लिए उसने ऐसा किया होगा। मारपीट के मामले में नियमानुसार इन्वेस्टिगेशन शुरू किया गया था। इस दौरान महिला वकील का मेडिकल परीक्षण करवाया गया, जिसके बाद उन्हें अन्य वकीलों के हवाले किया गया। यह पूरी प्रक्रिया कानून के दायरे में की गई थी।

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