हिम्मत को सलाम: किसान आंदोलन में गए पिता तो, 11 साल की बेटी कस्सी लेकर पहुंची खेत में

Edited By Isha, Updated: 12 Dec, 2020 04:39 PM

father went to peasant movement 11 year old daughter arrived in the field

नए कृषि कानूनों के विरोध सरकार और किसान आमने सामने हैं। किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं। ऐसे में पिछे से उनकी गैरमौजूदगी में उनके बच्चे खेतीबाड़ी संभाल रहे हैं। इस जिम्मेदारी में बेटे ही नहीं बल्कि बेटियां भी खेतों में सिंचाई से लेकर अन्य कामकाज

फतेहाबाद: नए कृषि कानूनों के विरोध  किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं। ऐसे में पिछे से उनकी गैरमौजूदगी में उनके बच्चे खेतीबाड़ी संभाल रहे हैं। इस जिम्मेदारी में बेटे ही नहीं बल्कि बेटियां भी खेतों में सिंचाई से लेकर अन्य कामकाज कर रही हैं। हरियाणा के फतेहाबाद के गांव धारसूल में ऐसे ही एक परिवार के पुरुष सदस्यों के किसान आंदोलन में भाग लेने के चलते महिलाएं खेत में कस्सी चला रही हैं।

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गुरुवार को धारसूल निवासी सतीश कुमार मंडेरना की 11 वर्षीय बेटी प्रिया भी कस्सी लेकर खेत में काम करने पहुंची। सतीश खुद आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली गए हुए हैं। प्रिया ने खेत में सिंचाई करने के लिए नाकाबंदी की और फिर ठंड में भी कस्सी लेकर डटी रही।प्रिया कहती हैं कि पापा आंदोलन में गए हुए हैं इसलिए हम खेत में आकर काम कर रहे हैं ताकि फसल देखरेख के अभाव में खराब न हों। प्रिया कहती हैं कि वह किसान की बेटी है। दिनचर्या भी पूरी किसान परिवार जैसी ही है। मेहनत करके परिवार अन्न उगाता है इसलिए बाजुओं में पूरी ताकत हैं।



इस दौरान परिवार की अन्य महिलाएं भी उसके साथ रहीं। प्रिया कक्षा छठी की छात्रा है। फिलहाल स्कूल बंद हैं इसलिए घर पर ही रहकर पढ़ाई करती हैं। केंद्र सरकार इन कृषि कानूनों को तुरंत रद्द करें ताकि उनके पिता सहित देश के हजारों किसान वापस अपने घरों को लौट सकें।

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