Edited By Manisha rana, Updated: 02 Jan, 2025 03:53 PM
यमुनानगर के अमादलपुर गांव में एक नया आयाम जुड़ने जा रहा है, जहां अब किसानों के लिए ऊंचे पेड़ों से फल उतारने का काम और भी सरल हो जाएगा। यह प्रक्रिया जो पहले बहुत श्रमसाध्य और समय लेने वाली थी। अब एक नई तकनीकी मशीन से बहुत आसान हो जाएगी।
यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : यमुनानगर के अमादलपुर गांव में एक नया आयाम जुड़ने जा रहा है, जहां अब किसानों के लिए ऊंचे पेड़ों से फल उतारने का काम और भी सरल हो जाएगा। यह प्रक्रिया जो पहले बहुत श्रमसाध्य और समय लेने वाली थी। अब एक नई तकनीकी मशीन से बहुत आसान हो जाएगी। अमादलपुर के रहने वाले किसान अलवी सिंह ने यह मशीन खरीदी है, जिसका जिला उद्यान विभाग की ओर से सफल ट्रायल भी किया गया है। जिला उद्यान अधिकारी का दावा कि यह मशीन देश में पहली बार किसी किसान ने खरीदी है।
जानकारी के मुताबिक गांव अमादलपुर में बियंत फॉर्म के मालिक अलावी सिंह जिनके आम, अमरूद और अन्य फलों के बाग हैं। उन्होंने एक मशीन खरीदी है जिससे अब ऊंचे पेड़ों से फल तोड़ना जा फिर उनके पत्तों की छँटाई करना बहुत ही आसान हो जाएगा। किसान अलावी सिंह ने बताया कि यह एक हाइड्रोलिक मशीन है, जिससे अब उच्च पेड़ों से फल तोड़ना या फिर उनके पत्तों की टहनियों की छटनी करना और आसान हो जाएगा, क्योंकि यह काम एक जोखिम भरा है पहले फल तोड़ने के लिए डंडों से उन्हें झाड़ना पड़ता था जहां फिर ऊंचे पेड़ों के ऊपर चढ़कर इसे उतारना पड़ता था लेकिन अब इस मशीन से बागों का काम आसान भी होगा और सुरक्षित तरीके से भी होगा।
ऊंचे पेड़ों से फल उतारने में आने वाली समस्याएं
किसानों के लिए आम, अलीची, अनार और अन्य फलदार पेड़ों से फलों को इकट्ठा करना एक कठिन काम है। अधिकतर फलदार पेड़ ऊंचे होते हैं और इनसे फल तोड़ने के लिए किसान कई बार सीढ़ियों या फिर लंबी छड़ी का उपयोग करते हैं। हालांकि इन तरीकों में जोखिम भी होता है, क्योंकि कई बार किसान गिर जाते हैं, जिससे उन्हें चोट लग सकती है। इसके अलावा ऊंचे पेड़ों से फल तोड़ने के दौरान बहुत समय भी बर्बाद होता है।
मशीन के फायदे
समय की बचत: किसानों को अब फलों को उतारने के लिए घंटों तक पेड़ के नीचे खड़ा होने की आवश्यकता नहीं होगी। यह मशीन फलों को तेजी से तोड़ सकती है, जिससे समय की बचत होती है।
सुरक्षा: सीढ़ी पर चढ़कर फल तोड़ने की बजाय किसान इस मशीन का इस्तेमाल कर सुरक्षित तरीके से काम कर सकते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाता है।
बेहतर उत्पादकता: किसानों को अपनी मेहनत और समय बचाने के साथ-साथ अधिक फसल एकत्रित करने में मदद मिलेगी
मशीन की कीमत है करीब 22 लाख
यमुनानगर के जिला उद्यान अधिकारी कृष्ण कुमार ने इस नई तकनीकी मशीन के परीक्षण को एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि "यह मशीन पूरे देश में पहली बार ट्रायल के लिए लाया गया है और यह किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। इस मशीन के सफल परीक्षण के बाद हम इसे राज्यभर और फिर देशभर में किसानों के बीच उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं। इससे न केवल किसानों की मेहनत कम होगी, बल्कि उन्हें अधिक लाभ भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले यह मशीन अन्य कर्म में तो उपयोग होती होगी लेकिन एक किसान यह मशीन पहली बार लाया है क्योंकि यह मशीन काफी महंगी है। 22 लाख के ऊपर इसकी कीमत है, लेकिन बागवानी की स्कीमों को बढ़ावा देने के लिए इसमें 40 से 50% सब्सिडी उद्योग उद्यान विभाग किसानों को उपलब्ध करवाता है ।
कृषि क्षेत्र में तकनीकी विकास की दिशा
यह मशीन केवल यमुनानगर या हरियाणा के किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। भारत में कृषि क्षेत्र में तकनीकी विकास की दिशा में यह एक अहम पहल है, जो किसानों को उनकी कठिनाइयों से निजात दिलाने में मदद करेगा। इससे कृषि में स्वचालन (Automation) की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ेगा, और इससे भारतीय किसानों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी मदद मिल सकती है।आखिरकार, यह तकनीकी समाधान कृषि क्षेत्र में एक नया युग लेकर आएगा, जहां पर किसान अपनी मेहनत और समय को कम कर पाएंगे और अधिक उत्पादन कर सकेंगे।