चौथे दिन भी किसानों का आन्दोलन जारी, सर्द रातों में सड़क पर खाने-सोने को मजबूर

Edited By Shivam, Updated: 29 Nov, 2020 09:55 PM

farmers movement continues on fourth day update

दिल्ली कूच के चौथे दिन भी किसानों का आन्दोलन लगातार जारी है। टिकरी बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं, जमे हुए हैं। सड़क पर किसानों की ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लम्बी लम्बी लाईनें लग गई है। टिकरी बॉर्डर से 10 किलोमीटर बहादुरगढ़ की तरफ सड़क के दोनों तरफ किसानों...

बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़): दिल्ली कूच के चौथे दिन भी किसानों का आन्दोलन लगातार जारी है। टिकरी बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं, जमे हुए हैं। सड़क पर किसानों की ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लम्बी लम्बी लाईनें लग गई है। टिकरी बॉर्डर से 10 किलोमीटर बहादुरगढ़ की तरफ सड़क के दोनों तरफ किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉलियां खड़ी है। 25 हजार से ज्यादा किसान दिल्ली की टिकरी बॉर्डर पर जमा हुआ है। हरियाणा और पंजाब के अलग अलग गांवो से किसान खुद से राशन की व्यवस्था कर यहां पहुंचे हैं। 

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा के निर्देश पर दी जा रही सुविधा
बहादुरगढ़ दिल्ली बॉर्डर पर एकजुट होकर आन्दोलन कर रहे किसानों के लिए राज्यसभा के निर्देश पर नगर परिषद ने पीने और नहाने के पानी की व्यवस्था कर दी है। शौचालय भी लगा दिए गए हैं। देर शाम को जिला प्रशासन ने भी किसानों की मदद और प्रशासनिक व कानून व्यवस्था बनाने के लिए चार सैक्टर मैजिस्ट्रेट लगा दिए हैं। 

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किसानों के लिए लगाए गए मेडिकल बूथ
जिला प्रशासन ने रैडक्रॉस की मदद से मैडिकल बूथ भी लगा दिया है, जहां दो फार्मासिस्ट लोगों को दवाईयां दे रहे हैं। वहीं कुछ वांलिटियर भी खुद के खर्च से दवाईयां लेकर बीमार और चोटहिल किसानों को दे रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता गुरमित सिंह अपनी बेटी के साथ एमआईई एरिया में सड़क किनारे बैठ कर किसानों को दर्द और ऐसिडिटी की दवाईयां बांट रहे हैं। चोट पर मरहम पट्टी भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब प्रशासन ने और हॉस्पिटलस ने कोई व्यवस्था नहीं की तो उन्होंने खुद से दवाईयों की व्यवस्था की है। आसपास के लोग किसानों के लिए खाने और चाय की व्यवस्था कर रहे हैं।

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ट्रैक्टर मैकेनिक की जलने से मौत 
किसान आन्दोलन के दरम्यान कल रात एक ट्रैक्टर मैकेनिक की जलने से मौत भी हुई है। मृतक जनकराज स्वीफ्ट कार में सो रहा था इसी दौरान कार में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई और जलने से उसकी मौत हो गई। साथी किसानों ने आग बुझाने का प्रयास भी किया लेकिन सेंटर लॉक नहीं खुल पाया। जनकराज पंजाब के बरनाला जिले के धनोला गांव का रहने वाला था। भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति और भारतीय किसान यूनियन एकता के प्रदेश अध्यक्षों ने आन्दोलन के दौरान मौत का शिकार बने दो किसानों के परिवारों के लिए 10-10 लाख का मुआवजा और एक-एक सरकारी नौकरी भी देने मांग भी की है।

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सर्द रातों में सड़क पर सो रहे किसान
किसान नेताओं ने आन्दोलन के चौथे दिन भी ये साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक वो दिल्ली के रास्तों से नहीं हटेंगे। दिल्ली पुलिस ने उनका दिल्ली जाने का रास्ता बंद किया है तो किसान दिल्ली जाने वाले रास्तों पर ही डेरा डालकर बैठ गए हैं। सड़क किनारे की सर्द रातों में नींद ले रहे हैं। सुबह उठकर उसी सड़क पर खाना बनाते हैं और फिर सरकार के खिलाफ नारेबाजी में जुट जाते हैं।

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मांग पूरी करवा कर ही घर लौटेंगे
जो किसान खेतों में हल चलाकर धरती का सीना चीरकर देश के लिए अन्न उगाता है, वही किसान अब सड़क पर बैठकर रोटियां बेल रहा है, अपने साथी किसानों के लिए ताकि जिन मांगों को पूरा कराने के लिए वो सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर दिल्ली के मुहाने पर आए हैं वो मांग उनकी पूरी हो सके और फिर वो वापिस घरों को लौट सकें। किसान कृषि कानूनों को वापिस लेने की मांग के साथ बिजली बिल 2020, पराली जलाने पर एक करोड़ जुर्माना और 5 साल की जेल वाला कानून वापिस और डीजल की कीमतें कम करवाना चाहते हैं।

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