Haryana में किसानों को मिलेगा सिंचाई के लिए भरपूर पानी, जल्द शुरू होने वाला है यह खास प्रोग्राम

Edited By Isha, Updated: 07 Nov, 2025 04:03 PM

farmers in haryana will get plenty of water for irrigation

हरियाणा सरकार करीब 5,700 करोड़ रुपये की लागत से  ‘वॉटर सिक्योर हरियाणा’ नामक एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। इस प्रोजेक्‍ट में करीब 4,000 करोड़ रुपये यानी 500 मिलियन डॉलर की आर्थिक

डेस्क: हरियाणा सरकार करीब 5,700 करोड़ रुपये की लागत से  ‘वॉटर सिक्योर हरियाणा’ नामक एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। इस प्रोजेक्‍ट में करीब 4,000 करोड़ रुपये यानी 500 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद वर्ल्‍ड बैंक से मिलेगी. वर्ल्‍ड बैंक प्रोग्राम फॉर रिजल्ट्स (पीएफओआर) फ्रेमवर्क के तहत इस प्रोजेक्‍ट को आर्थिक मदद मुहैया कराएगा। यह एक छह साल तक चलने वाला कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत साल 2026 में शुरू होने की उम्मीद है, जो वर्ष 2032 तक चलेगा. राज्‍य सरकार का कहना है कि यह इंटीग्रेटेड डेटा बेस्‍ड और परफॉर्मेंस ओरियंटेड प्रोग्राम प्रदेश के सिंचाई और वॉटर मैनेजमेंट सिस्‍टम को बदलने में कारगर होगा।
 
गुरुवार को राज्‍य के अनुराग रस्तोगी ने वर्ल्‍ड बैंक के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की. इस मीटिंग में इस कार्यक्रम को हरियाणा की वॉटर मैनेजमेंट पॉलिसी में एक 'परिवर्तनकारी कदम' बताया।उन्होंने कहा कि इस पहल से साल 2032 तक राज्य को देश का पहला पूरी तरह से जल सुरक्षित प्रदेश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में निर्णायक मदद मिलेगी। मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि इस प्रोजेक्‍ट में सहभागी सिंचाई प्रबंधन (पार्टिसिपेटरी इरिगेशन मैनेजमेंट) का एक खास हिस्‍सा शामिल किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने वर्ल्‍ड बैंक टीम से अनुरोध किया कि वह इस सिलसिले में अपने सुझाव  साझा करें।  

 
वर्ल्‍ड बैंक के एक सीनियर ऑफिशियल ने इस पहल को सिर्फ एक सिंचाई परियोजना ही नहीं बल्कि हरियाणा को देश का पहला जल सुरक्षित राज्य बनाने वाला बड़ा कदम बताया है। यह कार्यक्रम 18 जिलों में फैले 14 रणनीतिक सिंचाई क्लस्टरों में सीधे तौर पर लागू किया जाएगा, जो कुल 3,63,546 हेक्टेयर कृषि योग्य कमांड एरिया (सी सी ए) को कवर करेगा।इसी तर्ज पर बाकी जिलों को नाबार्ड, राज्य बजट या बाकी एजेंसियों के जरिये से शामिल किया जाएगा. हालांकि फिजिकल इंटरफियरेंस खास क्लस्टर्स पर ही केंद्रित रहेंगे, लेकिन योजना और संस्थागत सुधार  के लाभ सभी 22 जिलों तक पहुंचेंगे।

 
‘वॉटर सिक्योर हरियाणा’ कार्यक्रम को एक समग्र, बहु विभागीय पहल के रूप में तैयार किया गया है. सरकार का कहना है कि यह एक मॉर्डन इनफ्रास्‍ट्रक्चर, सस्‍टेनेबल कृषि पद्धतियों और समुदाय की भागीदारी को जोड़ता है। इसके तहत 14 रणनीतिक सिंचाई क्लस्टर्स से करीब 1,798 किलोमीटर नहरों का आधुनिकीकरण किया जाएगा. इसमें रियल टाइम डेटा एक्विजिशन सिस्टम (आरटीडीएएस) और सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन (एससीएडीए) जैसी आधुनिक ऑटोमेटेड सिस्‍टम शामिल होंगे।दक्षिण हरियाणा के विभिन्न जिलों में लगभग 80 जल संरचनाओं को पुनर्जीवित किया जाएगा ताकि भूजल पुनर्भरण को सुदृढ़ किया जा सके।

जींद, कैथल और गुरुग्राम के प्रमुख सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से जल को फिर से प्रयोग करके करीब 11,500 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई की जाएगी।क्लस्टर बेस्‍ड माइक्रोइरीगेशन सिस्‍टम और जलमार्ग पुनर्वास कार्य वाटर यूजर एसोसिएशनों (डब्ल्यूयूए) की सक्रिय भागीदारी से किए जाएंगे।सिंचाई विभाग और मिकाडा संयुक्त रूप से किसानों के साथ परामर्श बैठकें आयोजित करेंगे ताकि सामूहिक और स्थायी परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें।

 

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