Edited By Isha, Updated: 21 Aug, 2025 10:47 AM

हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स को लेकर वेतन असमानता का मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग (डीएचई) की जांच में सामने आया है कि कई कॉलेजों में समान योग्यता रख
डेस्क: हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स को लेकर वेतन असमानता का मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग (डीएचई) की जांच में सामने आया है कि कई कॉलेजों में समान योग्यता रखने वाले शिक्षकों को अलग-अलग वेतन दिया जा रहा है। कहीं 57,700 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं तो कहीं केवल 35,400 रुपये।
इस गड़बड़ी पर संज्ञान लेते हुए शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को आदेश दिए हैं कि वे एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नियुक्ति तिथि, शैक्षणिक योग्यता और वर्तमान सैलरी की पूरी डिटेल तुरंत भेजें। विभाग ने नया प्रोफॉर्मा जारी कर साफ कहा है कि योग्यता प्राप्त करने की सही तारीख का स्पष्ट उल्लेख अनिवार्य है।
विभाग ने प्रिंसिपलों को यह भी याद दिलाया है कि 57,700 रुपये प्रति माह का वेतनमान देने का प्रस्ताव फिलहाल सरकार के पास लंबित है। विभाग का मानना है कि अगर इसे मंजूरी मिलती है तो लंबे समय से चल रहा यह विवाद खत्म हो सकता है। लेक्चरर्स का कहना है कि ‘समान काम-समान वेतन’ का सिद्धांत प्रदेश में लागू नहीं हो रहा। कई बार प्रदर्शन करने के बावजूद उनकी मांगों पर ठोस फैसला नहीं हुआ। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार केवल आश्वासन देती रही है, जबकि कॉलेज स्तर पर प्रिंसिपल अपनी सुविधा से वेतन तय कर रहे हैं।
यह समस्या सिर्फ वेतनमान की नहीं, बल्कि नीति की अस्पष्टता से जुड़ी हुई है। अगर सरकार ने समय रहते स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं की, तो हर कॉलेज अलग मानदंड अपनाता रहेगा और शिक्षकों को समान योग्यता होने के बावजूद अलग वेतन मिलता रहेगा। विभाग की जांच में यह भी सामने आया कि कई कॉलेजों में योग्य लेक्चरर्स को 57,700 रुपये दिए तो जा रहे हैं, लेकिन यह वेतन उनकी पात्रता प्राप्त करने की वास्तविक तिथि से लागू नहीं किया गया। कहीं यह बाद की तारीख से लागू किया गया है, जिससे कई शिक्षकों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है।
विभाग ने अब एक संशोधित प्रोफॉर्मा जारी किया है और सभी प्राचार्यों से सही जानकारी भरकर भेजने के निर्देश दिए हैं। इसमें विशेष जोर पात्रता प्राप्त करने की सटीक तारीख दर्ज करने पर दिया गया है, क्योंकि पहले कई रिपोर्टों में यह जानकारी गायब थी।