कटकने होते जा रहे शहर के कुत्ते, पशुपालन विभाग नहीं कर रहा कुत्तों की नसबंदी

Edited By Isha, Updated: 12 Nov, 2019 10:13 AM

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शहर के कुत्ते कटकने होते जा रहे है। इस पर न तो नगर निगम अंकुश लगा पा रहा है और न ही पशुपालन विभाग। आलम यह है कि फरीदाबाद के बीके अस्पताल में हर रोज 70 से 80 मामले कुत्ते.........

फरीदाबाद (सुधीर राघव) : शहर के कुत्ते कटकने होते जा रहे है। इस पर न तो नगर निगम अंकुश लगा पा रहा है और न ही पशुपालन विभाग। आलम यह है कि फरीदाबाद के बीके अस्पताल में हर रोज 70 से 80 मामले कुत्ते या बंदरों के काटने के सामने आ रहे है। लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंटी रैबीज इंजेक्शन की डोज पिछले 19 अक्टूबर से अस्पताल नहीं भेजी गई है। जो मरीजों के जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। ऐसे में मरीजों को बाजार में निजी मेडिकल सेंटरों से जाकर 350 रुपए का एक इंजेक्शन खरीदना पड़ता है।

इस साल अक्टूबर माह तक कुत्ते काटने के 8 हजार 664 मामले सामने आ चुके हैं। साल के अप्रेल माह में सर्वाधिक 1983 लोग कुत्तों के हमले से जख्मी हुए हैं। जो अपने आप में ही चौंकाने वाला आंकडा है। यह स्थिति तो तब है जब इस साल में चार महीने तो ऐसे रहे जब मरीजों को बीके अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन ही नहीं मिले। इसमें फरवरी, जून, जुलाई और अक्टूबर की 19 तारीख से लेकर 11 नवम्बर 2019 तक।

यदि इन चार महिनों और नवम्बर व दिसम्बर के आंकडों को इसमें जोड़ दिया जाए तो कुत्तों के काटने के मामलों में करीब 9 हजार मरीजों की संख्या और जुड़ जाएगी। यानि फरीदाबाद में औसतन हर साल कुत्तों के काटने के 18 हजार मामले सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद नगर निगम कुत्तों को पकडऩे और पशुपालन विभाग कुत्तों की नसबंदी करने के प्रति कोई कदम नहीं उठा रहा है। वर्ष 2019 के आंकडों पर नजर डाले तो जनवरी में 994, मार्च में 1276, अप्रेल में 1983, मई में 1901, अगस्त में 699, सितम्बर में 511 और 19 अक्टूबर तक 1000 हजार लोगों कुत्तों के शिकार हुए हैं। 

बीके अस्पताल के फिजीशियन डॉ. मोहित अग्रवाल व योगेश गुप्ता की माने तो कुत्ता काटने के रोगी को पानी से डर लगता है इसे हाईड्रोफोबिया हो जाता है। कुत्ते के काटने पर उसका लार खून में मिल जाता है और यह धीरे-धीरे मस्तिष्क में पहुंच जाता है। इसका डोज 0.3 7-14-30 के हिसाब से दिया जाता है। कुत्तों से होने वाले रैबीज रोग के जहर का असर मस्तिष्क पर पड़ता है। चिकित्सकों के अनुसार जब किसी को कोई भी कुत्ता काट ले तो उसके 24 घंटे के बाद एआरबी का इंजेक्शन लगवा लेना जरूरी होता है। बीके अस्पताल में गुरूग्राम ड्रग वेयर हाउस से अक्टूबर के शुरूआत में ही 300 इंजेक्शन आए थे। जिन्हें खत्म हुए 22 दिन से भी ४यादा हो गए हैं। पिछले 19 अक्तूबर को इंजेक्शन की डोज खत्म हो गई थी।

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