Edited By Shivam, Updated: 20 Sep, 2019 03:39 PM
केंद्र व राज्य सरकार भले ही अपनी खेल नीति का बखान करते न थकते हो, लेकिन भिवानी के पर्वतारोही हरिओम को खेल नीति का कोई फायदा नहीं पहुंच पा रहा है। पर्वतारोही हरिओम की बेसिक कोर्स, एडवांस कोर्स व सर्च एंड रेसक्यू कोर्स करने के बाद भी माउंट एवरेस्ट पर...
भिवानी(अशोक भारद्वाज): केंद्र व राज्य सरकार भले ही अपनी खेल नीति का बखान करते न थकते हो, लेकिन भिवानी के पर्वतारोही हरिओम को खेल नीति का कोई फायदा नहीं पहुंच पा रहा है। पर्वतारोही हरिओम की बेसिक कोर्स, एडवांस कोर्स व सर्च एंड रेसक्यू कोर्स करने के बाद भी माउंट एवेरेस्ट पर तिंगरा फहराने की उनकी इच्छा अभी तक अधूरी है। क्योंकि खेल नीति के तहत पर्वतारोही हरिओम को आर्थिक अनुदान नहीं दिया जा रहा। इसके चलते अब उन्होंने सरकार से अपनी किडनी बेचने की इजाजत मांगी है, ताकि वे माउंट एवेरेस्ट पर चढऩे में होने वाले खर्च को वहन कर सकें।
पर्वतारोही हरिओम का कहना है कि माउंट एवेरेस्ट पर तिरंगा फहराने के लिए खेल मंत्रालय व हरियाणा प्रदेश सरकार की तरफ से उन्हें कोई भी आर्थिक सहायता नहीं मिल रही। वे पिछले पांच सालों से खेल विभाग सहित मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी आर्थिक सहायता के लिए मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार मात्र बेसिक कोर्स करने वाले पर्वतारोहियों को अनुदान दे रही है, जबकि उन्होंने बेसिक कोर्स के साथ एडवांस, सर्च एंड रेसक्यू कोर्स भी पूरा कर चुके है, लेकिन इसके बाद भी उन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है।
भिवानी शहर के कोंट रोड़ क्षेत्र के निवासी हरिओम वर्ष 2012 में नेपाल की चुल्लू ईस्ट व चुल्लू वेस्ट सहित नेपाल की ही आईसलैंड पीक को फतेह कर चुके है। पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपनी बड़ी उपलब्धियों के बाद भी सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता न मिलने के चलते अब उन्होंने मायूस होकर अपनी किडनी बेचने की इजाजत सरकार से मांगी हैं। उन्होंने बताया कि वे 2003 से पर्वतारोहण के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। वर्ष 2012 में तत्कालिक मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हेें आर्थिक सहायता दी थी, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री से मिलने के बाद भी उन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही हैं। इसके चलते अब हरिओम को अब मायूस होकर किडनी बेचने की मांग करनी पड़ रही है।