Edited By vinod kumar, Updated: 01 Nov, 2020 03:46 PM
मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्य प्रधान सचिव दीपेंद्र सिंह ढेसी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहले पांच साल की सरकार में करीब साढ़े चार साल तक बतौर मुख्य सचिव अपनी सेवाएं दी हैं। मुख्यमंत्री के करीब रह कर काम करने का मौका मिला। जिसके चलते सरकार के काम...
चंडीगढ़ (धरणी): मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्य प्रधान सचिव दीपेंद्र सिंह ढेसी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहले पांच साल की सरकार में करीब साढ़े चार साल तक बतौर मुख्य सचिव अपनी सेवाएं दी हैं। मुख्यमंत्री के करीब रह कर काम करने का मौका मिला। जिसके चलते सरकार के काम करने की दिशा का भी ज्ञान है। भारत सरकार में भी अपनी सेवाएं ढेसी करीब पांच साल तक दे चुके हैं। यहां वे एमएमटीसी के चेयरमैन और अतिरिक्त सचिव वाणिज्य के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
इसके पीछे ढेसी की कार्यकुशलता ही है कि वे सूबे में सभी सरकारों के चहेते अफसर रहे हैं। यह हैसियत उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर कायम की है। डीएस ढेसी की हरियाणा ब्यूरोक्रेसी में कोई लॉबी नहीं है। कई अफसरों की लॉबी प्रदेश में सबकी जानकारी में है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ढेसी की यह बात पसंद आई और उन्होंने ढेसी का चयन किया।
हरियाणा सरकार ने बिजली नियामक आयोग के चेयरमैन दीपेंद्र सिंह ढेसी से इस्तीफा लेकर मुख्यमंत्री का मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त किया जाना सब को आश्चर्य चकित करने से कम नहीं है। ढेसी हरियाणा सरकार से मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त होकर हरियाणा बिजली नियामक आयोग के चेयरमैन बनाए गए थे। उन्होंने आयोग से इस्तीफा देकर सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में एंट्री की है। हरियाणा में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी को मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्य प्रधान सचिव के पद पर नियुक्ति मिली है।
ढेसी बंसीलाल, चौटाला, मनोहर लाल के साथ सीएमओ में रहे
ढेसी बंसीलाल, चौटाला, मनोहर लाल के साथ सीएमओ में रहे। बंसीलाल मिजाज से कड़क मुख्यमंत्री के तौर पर माने जाते थे। कम ही अधिकारी उनके साथ कदमताल मिला पाते थे। ढेसी बंसीलाल सरकार में भी दो साल डिप्टी पीएससीएम के तौर पर तैनात रहे हैं। इसी सरकार में पदोन्नित के बाद उन्हें एपीएससीएम बना दिया गया था। बंसीलाल सरकार में तैनाती के दौरान ही जब ढेसी एपीएससीएम बने थे।
उन्होंने बतौर एक साल एपीएससीएम अपना कार्यकाल पूरा किया था। उसी समय प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने। इस सरकार में बतौर एपीएससीएम उनका कार्यकाल जारी रहा। उन्होंने पांच साल चौटाला सरकार में इसी पद पर पूरे किए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहले पांच साल की सरकार में करीब साढ़े चार साल तक ढेसी ने बतौर मुख्य सचिव अपनी सेवाएं दी।
ढेसी मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले
आईएएस डीएस ढेसी ईमानदार अधिकारियों में गिने जाते हैं और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों के प्रधान सचिव भी रह चुके हैं। 1982 बैच के आईएएस अधिकारी ढेसी मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले हैं। उनकी गिनती मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भरोसेमंद अधिकारियों में होती है। प्रदेश के 32वें मुख्य सचिव के पद पर उनकी नियुक्ति 31 दिसंबर 2014 को हुई थी। उन्हें केंद्र में डेपुटेशन से वापस बुलाकर मुख्य सचिव बनाया गया था।
ढेसी ने करीब पौने पांच साल तक मुख्य सचिव के पद पर कार्य किया और 30 जून 2019 को रिटायर हो गए थे। रिटायरमेंट के बाद ढेसी को 16 अगस्त 2019 को हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) का चेयरमैन नियुक्त किया गया। ढेसी इस पद पर पूरे एक साल तक रहे और अब उनकी मुख्यमंत्री कार्यालय में जबरदस्त तरीके से एंट्री हुई है।