Edited By Isha, Updated: 29 Dec, 2023 11:36 AM
'ना काहू से दोस्ती- ना काहू से बैर", हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने वाले शख्स, बेहद दबंग व्यक्तित्व, बेबाक भाषाशैली, लंबी चौड़ी कद काठी, नारियल की तरह ऊपर से सख्त लेकिन आंतरिक रूप से नरम, लोगों के दुख दर्द में हमेशा खुलकर स्टैंड लेने वाले दादा रामकुमार...
चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): 'ना काहू से दोस्ती- ना काहू से बैर", हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने वाले शख्स, बेहद दबंग व्यक्तित्व, बेबाक भाषाशैली, लंबी चौड़ी कद काठी, नारियल की तरह ऊपर से सख्त लेकिन आंतरिक रूप से नरम, लोगों के दुख दर्द में हमेशा खुलकर स्टैंड लेने वाले दादा रामकुमार गौतम.......जो मौजूदा दौर में जननायक जनता पार्टी के विधायक हैं। लेकिन समय समय पर अपनी पार्टी और अपने नेता की कार्यशैली और सोच पर प्रश्न चिन्ह लगाते रहते हैं। मीडिया के सामने भी और मंचों से भी कड़े कटाक्ष पार्टी और दुष्यंत के खिलाफ करते रहे हैं। अब फिर से दादा रामकुमार गौतम ने अपने विधानसभा क्षेत्र के महत्वपूर्ण मंच से संबोधन के दौरान दिल के दर्द को लोगों के साथ साझा किया। यह मंच अति महत्वपूर्ण भी इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि मंच पर प्रदेश के सामाजिक एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली भी आसीन थे। यह दोनों ही नेता जननायक जनता पार्टी से हैं और उनकी मौजूदगी में दादा गौतम उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर खूब गरज बरस रहे थे।
संबोधन को शुरू करने से पहले ही नारनौंद के विधायक दादा रामकुमार गौतम ने हाथ जोड़कर जनता से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मै जीते जी तो आपका एहसान नहीं उतार पाऊंगा। इसलिए मुझे माफ कर देना। चाहता तो बहुत था आपने मुझे विधायक बनाया तो मैं आपका कर्ज उतारुं। लेकिन मै इसे मेरे सिर पर ही लेकर मरूंगा। क्योंकि कर्ज उतारना मेरे बस की बात नहीं है। उनका कहना था कि उनके हाथ में वो ताकत नहीं जो किसी का भला कर सके। उन्होंने कहा कि मुझे पता भी नहीं था कि मैं इस तरह का विधायक बनूंगा। लेकिन बन गया। मेरे हाथ पल्ले कुछ भी नहीं है। उनके शब्द रूपी बाण सीधे जेजेपी और दुष्यंत चौटाला पर वार कर रहे थे। इस मौके पर न केवल जनता ठहठहाके मारकर हंस रही थी, देवेंद्र बबली भी उनके शब्दों पर खूब प्रसन्न नजर आ रहे थे। मौके के हालातो और स्थितियों को देख यह तो साफ नजर आ रहा था देवेंद्र बबली के मन में भी कहीं ना कहीं दर्द छुपा है।
इस मौके पर दादा गौतम ने कहा कि मैं इस पार्टी में शामिल नहीं होना चाहता था, लेकिन हो गया। इस मंशा और सोच से कि दुष्यंत चौटाला एक नौजवान लड़का है, चौ0 देवीलाल का पड़पोत्र है। सोचा था इसे बहुत आगे लेकर जाएंगे। इस मौके पर दादा गौतम ने बताया कि विधायक बनने के दो-तीन दिन में ही मेरा इस पार्टी से तोड़ (मोहभंग) हो गया था। यानि गौतम का संबोधन जितनी देर तक चला निशाने पर पार्टी और नेता दोनों ही रहे। हालांकि गौतम के बयानों पर देवेंद्र बबली ने पार्टी छोड़ने सम्बंधित कोई प्रतिक्रिया नही की। लेकिन गौतम के बयानों का विरोध भी नही किया। इस सारे वाक्य पर विचारणीय और देखने लायक बात यह रही कि मंच से गौतम ने जब यह कहा कि आगे तो पता नहीं कि देवेंद्र बबली क्या करेगा, लेकिन अब तो फिलहाल है। देवेंद्र बबली एक भला आदमी है और भला आदमी ज्यादा नहीं टिका करता यानी एक साफ़ संदेश नजर आया कि देवेंद्र बबली भी आने वाले समय में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। हो सकता है कि वह पार्टी का त्याग कर दें। अगर ऐसा हुआ जेजेपी के लिए यह एक बड़ा झटका होगा। क्योंकि बबली भी एक कद्दावर और ईमानदार ।नेता के रूप में जनता में एक पहचान बना चुके हैं